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खतौली में 26 साल पहले भी BJP नहीं लगा सकी थी हैट्रिक, जानें SP-RLD ने कैसे दोहराया इतिहास 

26 साल पहले खतौली में भाजपा की हैट्रिक को रालोद के राजपाल बालियान ने रोकते हुए जीत का स्ट्रॉक खेला था। ठीक उसी तरह इस बार रालोद गठबंधन ने प्रत्याशी मदन भैया को बैटिंग थमा भाजपा की हैट्रिक को रोक दिया।

Ajay Singh नीरज भार्गव, मुजफ्फरनगरFri, 9 Dec 2022 07:03 AM
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Khatauli By-Election Result: वही मैदान और वही सियासी पिच। बस किरदार नए थे। 26 साल पहले ऐसा ही तो था जब खतौली में भाजपा की हैट्रिक को रालोद के राजपाल बालियान ने रोकते हुए जीत का स्ट्रॉक खेला था। ठीक उसी तरह इस बार रालोद गठबंधन ने प्रत्याशी मदन भैया को बैटिंग थमा भाजपा की हैट्रिक को रोक जीत का स्ट्रॉक लगाया है।

इतिहास दोहराया अब खतौली विधानसभा उपचुनाव में भी ठीक ऐसा ही हुआ। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने विक्रम सैनी को मैदान में उतारा था। इस चुनाव में इन्होंने सपा के चंदन सिंह चौहान को हराया था। विक्रम सैनी को 94771 मत मिले थे, जबकि चंदन चौहान को 63397 मत प्राप्त हुए थे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने विक्रम सैनी को मैदान में उतारा था। विक्रम सैनी ने रालोद सपा गठबंधन प्रत्याशी राजपाल सैनी को शिकस्त दी थी। हालांकि जीत का अंतर पहले से कम रहा। इस चुनाव में भाजपा को एक लाख 691 मत प्राप्त हुए थे, जबकि राजपाल सैनी को 84306 मत मिले।

उनका कार्यकाल पांच साल तक चलता लेकिन लेकिन कवाल कांड में दो साल की सजा होने पर विक्रम सैनी की विधानसभा की सदस्यता होने पर खतौली उपचुनाव कराने पड़े। इस चुनाव में भाजपा ने विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी सैनी को मैदान में उतारा। इस तरह से भाजपा यहां हैट्रिक लगाने के चांस पर थी, लेकिन रालोद ने गठबंधन से मदन भैया को मैदान में उतारा। मदन भैया ने रालोद के भरोसे पर खतरा उतर न सिर्फ 26 साल पुराना इतिहास दोहराया बल्कि अप्रत्याशित जीत दर्ज कर भाजपा के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

भाजपा खेमे को झटका
खतौली विधानसभा उपचुनाव में रालोद गठबंधन की जीत से भाजपा खेमे को जबरदस्त झटका लगा है। रालोद गठबंधन की टीम की रणनीति के आगे भाजपा द्वारा जमाई गई फिल्डिंग बेअसर साबित हुई। अब से 26 साल पहले के विधानसभा चुनाव 1996 की बात की जाए तो भाजपा और रालोद दोनों इसी तरह से आमने सामने थे। वर्ष 1996 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने जहां डा. सुधीर बालियान को प्रत्याशी बनाया था।

इससे पहले 1991 और उपचुनाव 1993 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से डा. सुधीर बालियान लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुके थे। यह उनका हैट्रिक लगाने का चांस था, लेकिन रालोद ने उनके सामने राजपाल बालियान को मैदान में उतारा। राजपाल बलियान ने भाजपा को हैट्रिक से रोकने के साथ ही विजय हासिल की। इस चुनाव में राजपाल बालियान को 81334 मत प्राप्त हुए थे, जबकि सुधीर बालियान को 43544 मत प्राप्त हुए थे।

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