हाथरस पर एसआईटी की रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित, भोले बाबा पर खामोशी क्यों?मायावती ने उठाए सवाल
हाथरस पर एसआईटी की रिपोर्ट पर बसपा प्रमुख मायावती ने सवाल उठाए। मायावती ने हाथरस पर एसआईटी की रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित राजनीति से प्रेरित बताया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने हाथरस हादसे पर एसआईटी की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाए। मायावती ने कहा कि रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है। उन्होंने कहा कि भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण है।
मायावती ने बुधवार को एक्स पोस्ट कर लिखा कि यूपी के ज़िला हाथरस में सत्संग भगदड़ काण्ड में हुई 121 निर्दोष महिलाओं व बच्चों आदि की दर्दनाक मौत सरकारी लापरवाही का जीता-जागता प्रमाण, किन्तु एसआईटी द्वारा सरकार को पेश रिपोर्ट घटना की गंभीरता के हिसाब से नहीं होकर राजनीति से प्रेरित ज्यादा लगती है, यह अति-दुःखद।
उन्होंने आगे कहा कि अति-जानलेवा घटना के मुख्य आयोजक भोले बाबा की भूमिका के सम्बंध में एसआईटी की खामोशी भी लोगों में चिन्ताओं का कारण। साथ ही, उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के बजाय उसे क्लीनचिट देने का प्रयास खासा चर्चा का विषय। सरकार जरूर ध्यान दे ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।
दरअसल, हादसे पर एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट पेश की। एसआईटी ने कार्यक्रम आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस व प्रशासन को भी दोषी पाया है। स्थानीय एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज द्वारा अपने दायित्व का निर्वहन करने में लापरवाही के जिम्मेदार हैं। एसआईटी ने दो, तीन और पांच जुलाई को घटनास्थल का निरीक्षण किया था। जांच के दौरान कुल 125 लोगों का बयान लिया गया, जिसमें प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ आम जनता एवं प्रत्यक्षदर्शियों का बयान भी लिया गया। इसके अलावा, घटना के संबंध में प्रकाशित समाचार की प्रतियां, स्थलीय विडियोग्राफी, छायाचित्र, विडियो क्लिपिंग का संज्ञान लिया गया।
एसआईटी रिपोर्ट पर हादसे में लापरवाही बरतने के चलते उप जिला मजिस्ट्रेट सिकन्दराराऊ, पुलिस क्षेत्राधिकारी सिकन्दराराऊ, थानाध्यक्ष सिकन्दराराऊ, तहसीलदार सिकन्दराराऊ, चौकी इन्चार्ज कचौरा व चौकी इन्चार्ज पोरा को निलंबित कर दिया गया है।