Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Shivpal is standing like a guardian behind Akhilesh yadav Will uncle and nephew be together without Mulayam

क्या मुलायम के बिना भी साथ होंगे चाचा-भतीजा? सैफई में अखिलेश के पीछे गार्जियन की तरह खड़े रहे शिवपाल

मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव के बीच दूरियां कुछ कम होती दिखाई दे रही हैं। मुलायम की सैफई कोठी में कई बार शिवपाल अखिलेश के गार्जियन की तरह दिखाई दिए।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, सैफईWed, 12 Oct 2022 06:24 PM
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मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश यादव के बीच दूरियां कुछ कम होती दिखाई दे रही हैं। मुलायम की सैफई कोठी में न सिर्फ दोनों साथ-साथ दिखाई दिए बल्कि शिवपाल अखिलेश के गार्जियन की तरह भी दिखे। कई बार ऐसा मौका आया जब शिवपाल का हाथ अखिलेश के कंधे पर नजर आया। मुलायम का शव मेदांता से सैफई कोठी पर आने के बाद जब शिवपाल ने कंधे पर हाथकर सांत्वना दी तो अखिलेश फफक-फफक कर रो भी पड़े थे। ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या मुलायम के जाने के बाद शिवपाल और अखिलेश साथ होंगे? 

अखिलेश और शिवपाल करीब पांच सालों तक एक दूसरे से दूरी बनाकर रहने के बाद पिछले ही विधानसभा चुनाव के दौरान फिर से साथ आए थे। शिवपाल के पास अपनी पार्टी प्रसपा थी, इसके बाद भी वह अखिलेश के कहने पर समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे। लेकिन चुनाव बीतते-बीतते शिवपाल का दर्द फूटने लगा।

सपा को सफलता नहीं मिलने के कई कारणों में एक कारण वह अखिलेश के रुख को भी बताने लगे। अखिलेश पर ही सीधे-सीधे हमले करने लगे। अखिलेश ने भी  उनसे दूरी बनानी शुरू कर दी। यहां तक कि सपा की बैठकों में भी शिवपाल को बुलाना बंद कर दिया गया। इसके बाद शिवपाल ने अपने पार्टी प्रसपा को एक बार फिर मजबूत करना शुरू किया था। 

अब मुलायम के निधन पर चाचा-भतीजा फिर से करीब आते दिखाई दे रहे हैं। इसी को लेकर शिवपाल से सवाल भी पूछे गए। बुधवार को शुद्धि संस्कार के बाद शिवपाल ने मीडिया से बातचीत भी की। कुनबे में आगे क्या होगा? इस पर उन्होंने कहा-यह सही वक्त नहीं है।

जिम्मेदारी के सवाल पर  कहा कि जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी उसे संभालूंगा। घर, परिवार, समाज और पूरे सैफई के साथ ही जिन्हें कहीं सम्मान नहीं मिला है उन्हें साथ लेकर चलूंगा। प्रसपा के भविष्य का क्या होगा इसपर बोले- यह समय नहीं है इस पर बात करने का। यह जरूर कहा जो भी निर्णय लेंगे सबके साथ और सबको साथ लेकर चलेंगे। 

प्रसपा के सवाल पर सीधे-सीधे कोई जवाब नहीं देना कई चर्चाओं को जन्म दे गया है। ऐसे में फिर से लगने लगा है कि चाचा शिवपाल सपा को ही मजबूत करने में जुटेंगे। वह नहीं चाहेंगे कि मुलायम सिंह यादव की बनाई पार्टी के खिलाफ उतरकर अपने ही बड़े भाई के सपनों को बिखरने दें।

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