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Sakat Chauth Chand Darshan Time 2020: जानें आपके शहर में कब दिखेगा चांद

Sankashti Chaturthi Vrata: पुत्र और पति की सुख समृद्धि के लिए माताओं ने आज सोमवार को सकट व्रत रखा है। इस व्रत को श्रीगणेश जन्मोत्सव (गणेश चौथ) के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान...

gunateet हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीMon, 13 Jan 2020 07:41 PM
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Sankashti Chaturthi Vrata: पुत्र और पति की सुख समृद्धि के लिए माताओं ने आज सोमवार को सकट व्रत रखा है। इस व्रत को श्रीगणेश जन्मोत्सव (गणेश चौथ) के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान गणेश के प्रतिरूप चन्द्रदेव को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है। इसे तिलकुटा चौथ भी कहते हैं। ग्रन्थों के अनुसार इसी तिथि को श्रीगणेश जी का जन्म हुआ था। ज्योतिषाचार्या आनंद दुबे ने बताया कि सकटचौथ व्रत संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इस दिन संकट हरण गणपति गणेशजी की पूजा की जाती है।

यहां जानें आपके शहर में कब दिखेगा चांद

लखनऊ- 20:21 
वाराणसी- 20:14 
गाजियाबाद- 20:33 
पटना- 20:05 
रांची- 20:07 
बरेली- 20:25  
भागलपुर- 19:58

प्रयागराज- 20:19 
मेरठ- 20:31 
गया- 20:07 
मुंबई- 21:05
इंदौर- 20:48 
पुणे- 21:02

(source- timeanddate.com)

-सकट की तिथि 13 जनवरी को शाम 5:32 से शुरु होकर 14 जनवरी दोपहर 2:49 तक है। -आनंद दुबे, ज्योतिषाचार्य 

पूजा विधि

पूजा में दूर्वा, शमी पत्र, बेल पत्र, गुड़ और तिल के लडडू चढ़ाए जाते है। यह व्रत संतान के जीवन में विध्न बाधाओं को दूर करता है संकटों तथा दुखों को दूर करने वाला और रिद्धि-सिद्धि देने वाला है। इस दिन माताएं निर्जल व्रत रखकर शाम को फलाहार लेती है और दूसरे दिन सुबह सकट माता पर चढ़ाए गए पूड़ी-पकवानों को प्रसाद रूप में ग्रहण करती है।

सकट पर्व को लेकर रविवार को बाजारों में खूब भीड़ रही। व्रत रहने वाली महिलाओं ने बाजारा में तिल, गुड़, गंजी खरीदा। शाम को चन्द्रोदय के बाद तिल, गुड़ आदि के जरिए पूजा की जाती है।चन्द्रमा को अर्घ्य देकर तिलकुट का पहाड़ बनाया जाता है। शकरकंदी भी रखी जाती है। अर्घ्य और पूजा के बाद सब कथा सुनते हैं। इसके उपरांत सबको प्रसाद दिया जाता है।

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