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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Ram temple layout reached to Ayodhya Development Authority for approval construction will start soon

राम मंदिर का नक्शा अयोध्या विकास प्राधिकरण के पास पहुंचा, जल्द शुरू होगा निर्माण

रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के प्रस्तावित मंदिर समेत 70 एकड़ परिसर का नक्शा शनिवार को ऑफलाइन ही दाखिल किया गया। यह नक्शा रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने अयोध्या-फैजाबाद...

Shivendra Singh हिन्दुस्तान संवाद, अयोध्याSun, 30 Aug 2020 05:52 AM
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रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के प्रस्तावित मंदिर समेत 70 एकड़ परिसर का नक्शा शनिवार को ऑफलाइन ही दाखिल किया गया। यह नक्शा रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने अयोध्या-फैजाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष नीरज शुक्ल को उनके कार्यालय में सौंपा। इसके पहले दो दिनों से नक्शे को ऑनलाइन दाखिल करने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन यह नहीं हो सका। दूसरा नक्शे को आनलाइन दाखिले करने में सुरक्षा का पेंच भी फंसा था। इसके चलते ऑनलाइन नक्शा दाखिल करने का टेंडर लेने वाली कंपनी के इंजीनियरों ने हाथ खड़ा कर दिया।

नगर आयुक्त व विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शुक्ल ने जानकारी दी कि ओबीपास कंपनी को पूरे प्रदेश के विकास प्राधिकरणों में ऑनलाइन नक्शे जमा कराने का टेंडर दिया गया है। कंपनी के इंजीनियर यहां बुलाए गये लेकिन वह नक्शे को अपलोड करने में असफल रहे। साफ्टवेयर में 70 एकड़ के टाउनशिप की कल्पना के आधार पर सूचनाएं दर्ज की गयी थीं लेकिन मंदिर के परकोटे,परिक्रमा पथ व उसके अलग-अलग मंडपों को लेकर इंजीनियर आवश्यक योजना नहीं बना सके।

— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) August 29, 2020

इसीलिए नक्शे के विभिन्न हिस्सों की माप कम्प्यूटर स्वीकार नहीं कर रहा था। ऐसी हालत में शनिवार को  विकास प्राधिकरण का कार्यालय खुला था। इससे पहले शुक्रवार को विशेषज्ञ कार्यालय अवधि के बाद भी देर शाम तक माथापच्ची करते रहे। लेकिन कामयाबी नहीं मिली।

ट्रस्ट ने जमा किया 65 हजार पंजीकरण शुल्क
रामजन्मभूमि के ले-आउट जमा करने से पहले तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से निर्धारित पंजीकरण शुल्क जमा करा दिया गया था। इसकी जमा रसीद नक्शे के साथ संलग्न की गयी है। ले-आउट में आच्छादित हिस्से का पांच रुपया प्रति वर्ग मीटर की दर से कुल 65 हजार रुपये का भुगतान किया गया है। नक्शे की स्वीकृति के लिए जो भी आवश्यक शुल्क है उसकी गणना कराई जा रही है। गणना के उपरांत ट्रस्ट को सूचित किया जाएगा। माना जा रहा है कि यह धनराशि करीब डेढ़ करोड़ हो सकती है।

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