Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Raids intensified in search of Mukhtar Ansari close associates action started against his henchmen

मुख्तार अंसारी के करीबियों की तलाश में छापेमारी तेज, गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई शुरू 

मुख्तार अंसारी के करीबियों की तलाश में छापेमारी तेज हो रही है। इसी कड़ी में हरदोई के कछौना थाने की पुलिस ने लखनऊ से जिला बदर सुरेन्द्र कालिया को उठा लिया।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 17 May 2024 04:06 AM
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बाहुबली मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पुलिस ने अब उसके गुर्गों के खिलाफ अचानक कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी में हरदोई के कछौना थाने की पुलिस ने लखनऊ से जिला बदर सुरेन्द्र कालिया को उठा लिया। उसे कई घंटे तक हिरासत में रखने के बाद छोड़ा। इतना ही नहीं लखनऊ में मुख्तार के खास कहे जाने वाले शाहिद के ठिकानों पर पुलिस ने दबिश दी। उससे जुड़े लोगों का पूरा ब्योरा जुटाया गया। लखनऊ, हरदोई, बाराबंकी व अन्य जिलों में मुख्तार के कई करीबियों के बारे में जानकारी की गई। इस दौरान गैंगस्टर उमेश व राजेश कुमार की सम्पत्ति का पता किया गया। उमेश को मुख्तार का विश्वसनीय बताया जाता रहा है।

वर्ष 2020 में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने सबसे बड़ी कार्रवाई मुख्तार के गुर्गों पर की थी। तब एक ही दिन अचानक 42 टीमों ने 60 से अधिक स्थानों पर दबिश दी थी। इस दौरान मुख्तार के तीन गुर्गे हाथ लगे थे और लाखों रुपये बरामद हुए थे। इस दौरान ही मुख्तार के गिरोह में शामिल नये लड़कों का पूरा ब्योरा जुटाया गया था। मुख्तार के कई करीबियों पर गैंगस्टर एक्ट लगा था।

इसी साल 28 मार्च को मुख्तार अंसारी की बीमारी से मौत हो गई। इसके बाद उसके गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई थम गई थी। पुलिस ने अब फिर मुख्तार के गुर्गों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

हिस्ट्रीशीटर सुरेन्द्र कालिया लखनऊ से जिला बदर

पुलिस ने सुरेन्द्र कालिया की हिस्ट्रीशीट खंगलवायी तो पता चला कि वह जिला बदर है। उस पर गैंगस्टर भी लग चुका है। कुछ समय पहले उसने धनंजय सिंह को फंसाने के लिये अपनी गाड़ी पर हमला करवाया था। जांच में यह सच सामने आने पर उसे ही जेल जाना पड़ा था। डीसीपी के मुताबिक सुरेन्द्र कालिया पर कई मुकदमे दर्ज हैं। उसने रेलवे के ठेके पाने के लिये डीआरएम आफिस में फायरिंग तक की थी। उसकी तलाश हुई तो पता चला कि वह हरदोई के कछौना में रह रहा है। कछौना पुलिस उसे घर से उठा लायी। इस दौरान ही पता चला कि वह लखनऊ से जिला बदर है। इस पर उससे लम्बी पूछताछ करने के बाद उसे छोड़ा गया।

शाहिद की सम्पत्ति खंगाल रही पुलिस

मुख्तार के करीबी शाहिद के ठिकानों और उसकी सम्पत्ति भी पुलिस पता कर रही है। इसके लिये बेहद गुपचुप तरीके से पुलिस की दो टीमों ने लखनऊ और बाराबंकी में उसके ठिकानों पर दबिश दी। उसके बेहद करीब रहने वाले रिश्तेदारों से सम्पत्ति का ब्योरा जुटाया। एक पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि मुख्तार गिरोह से जुड़े कई लोगों का ब्योरा एसटीएफ भी जुटा रही है।
 

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