...जब लड्डू का रंग देखकर बोले प्रधानमंत्री-इनको कोई खाता भी है क्या?-VIDEO
गांव स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों से मुखातिब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ सफलता के मंत्र बताएं बल्कि हल्के-फुल्के माहौल में बातचीत की। आंगनबाड़ी केंद्रों के लड्डू का रंग देखकर...
गांव स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों से मुखातिब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ सफलता के मंत्र बताएं बल्कि हल्के-फुल्के माहौल में बातचीत की। आंगनबाड़ी केंद्रों के लड्डू का रंग देखकर प्रधानमंत्री बोले कि इतने काले लड्डू कोई कैसे खाता होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खीरी जिले में एक साथ 200 जगह मेले होने का आंकड़ा सुनकर आश्चर्य और खुशी दोनों जताई। प्रधानमंत्री ने कहा कि कार्यकत्रियां गांव के अंदर तंदुरुस्त बच्चों का कंपटीशन कराएं, जिससे गांव के लोगों को सेहत का मंत्र ठीक से मालूम चले।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग प्रदेशों और जिलों की आंगनबाड़ी, आशा और एएनएम वर्कर से मुखातिब थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री ने खीरी जिले की महिला कर्मचारियों से भी बातचीत की। खीरी जिले से गायत्री दारापुरी नाम की एक आंगनबाड़ी सुपरवाइजर प्रधानमंत्री से मुखातिब हुई।
महिला ने अपना नाम जैसे ही बताया प्रधानमंत्री ने उसका तनाव कम करने के लिए हल्के-फुल्के अंदाज में बात करनी शुरू कर दी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने पानीपूरी तो सुना था लेकिन दारापुरी पहली बार सुना है। प्रधानमंत्री के इस कमेंट पर सभी कर्मचारियों की हंसी छूट गई। इसके बाद महिला कर्मचारियों ने बताया कि उन्होंने खीरी जिले में सुपोषण स्वास्थ्य मेले की शुरुआत की है। हर बुधवार को यह मेला सभी केंद्रों पर लगता है। कार्यकत्रियों ने प्रधानमंत्री को उस मेले की तस्वीरें दिखाई। यह सब देखकर प्रधानमंत्री हैरत में पड़ गए और उन्होंने पूछा कि अब तक कितने मेले हो चुके हैं?
कार्यकत्रियों ने उनको बताया कि अब तक 200 मेल इस जिले में हुए हैं। यह आंकड़ा सुनकर प्रधानमंत्री भी हैरत में आ गए और उन्होंने सभी को शाबाशी दी। इस दौरान कार्यकत्रियों ने गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए तैयार किए गए लड्डू भी प्रधानमंत्री को दिखाए। लड्डू का रंग काला देखकर प्रधानमंत्री ने पूछ लिया- काले रंग के लड्डू को कोई खाता भी है क्या? कार्यकर्ताओं ने बताया कि वह सिर्फ इन लड्डू का स्टॉल ही नहीं लगाती हैं बल्कि लोगों को इसका फायदा भी बताती हैं। इस वजह से लोग इनका इस्तेमाल करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कई बार लोग रंग देख कर के ही खाने से हिचक जाते हैं, लेकिन स्वास्थ्यवर्धक चीजों में रंग नहीं देखना चाहिए। उन्होंने सुपोषण मेले को लेकर जिले के अधिकारियों कर्मचारियों की पीठ थपथपाई। साथ ही कहा कि हम जब अकेले काम करते हैं तो थक जाते हैं लेकिन जब कोई सामूहिकता की बात होती है तो लक्ष्य जल्दी होता है।