काशी में रोड शो से पूर्वांचल के साथ बिहार को साधेंगे पीएम मोदी, इन जिलों पर फोकस
पीएम मोदी काशी में रोड शो से पूर्वांचल के साथ बिहार को साधेंगे। मोदी के नामांकन, रोड-शो, सभाएं, संवाद का संदेश भाजपा नेता बिहार की उन सीटों पर भी भुनाने की कोशिश होगी।
यूपी के पूर्वांचल और बिहार के लोगों की बोली, रहन सहन व खानपान की समानता और आपस में रिश्तेदारियों को राजनीतिक दल भी इस चुनाव में भुनाने में जुटे हैं। वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन, रोड-शो, सभाएं, मंदिरों में पूजन पाठ, लोगों से किए जाने वाले संवाद का संदेश भाजपा नेता बिहार की उन सीटों पर भी भुनाने की कोशिश में हैं जहां पर मतदान सातवें चरण में हैं। इस बार पूर्वांचल से लगे बिहार की आठ सीटों पर मतदान सातवें चरण में ही है।
बिहार की 8 और पूर्वांचल की 13 सीटें क्रमश: जुड़ी हैं
सातवें यानी आखिरी चरण में बिहार की आठ सीटें शामिल हैं। ये वे सीटे हैं जो वाराणसी से चंदौली होते हुए बिहार में शुरू होती हैं और एक तरीके से यूपी की उन 13 सीटों से लयबद्ध जुड़ी हैं जहां सातवें चरण में चुनाव है। पूर्वांचल की वाराणसी व आसपास की सीटों से सटे बिहार के बक्सर, आरा, सासाराम संसदीय क्षेत्र के साथ ही जहानाबाद, काराकाट, पटना साहिब, पाटलिपुत्र और नालंदा संसदीय सीट शामिल हैं। इन आठों लोकसभा क्षेत्रों में चुनाव का रूख पूर्वांचल खासकर वाराणसी से प्रभावित रहता है। इस बार भी यूपी में सातवें चरण में वाराणसी सहित पूर्वांचल की 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव है। इनमें से बलिया और चंदौली संसदीय क्षेत्र की सीमाएं बिहार की इन लोकसभा क्षेत्रों से सीधे जुड़ती हैं।
ये हैं 13 यूपी की सीटें
सातवें चरण में यूपी की वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, चंदौली, घोसी, मिर्जापुर, बांसगांव, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, राबर्ट्सगंज, सलेमपुर तथा गोरखपुर की सीटें शामिल हैं। इन सभी 13 लोकसभा क्षेत्रों में बिहार के लोगों की रिश्तेदारियां आम हैं। खानपान, बोली भी कमोवेश एक जैसी है।
बिहार व यूपी के इन क्षेत्रों के बीच है रोटी-बेटी का रिश्ता
वाराणसी से बिहार की सीटों को साधने की बातें इसलिए कही जा रही हैं क्योंकि बिहार की जो सीटें इस सातवें चरण में शामिल हैं उन क्षेत्रों के लोगों का वाराणसी व आसपास के जिलों में निरंतन आना जाना ही नहीं बल्कि रिश्तेदारियां भी हैं। आरा, बक्सर, सासाराम के लोग तो अपने घर परिवार के हर बड़े आयोजन की तैयारियां वाराणसी को केंद्र में रखकर करते हैं। इन आयोजनों के लिए इन क्षेत्रों के लोग वाराणसी के बाजार से ही खरीदारी करते हैं। इतना ही नहीं तमाम लोग तो वाराणसी के होटलों और मैरेज लानों से बेटों-बेटियों की शादियां तक करते हैं। वाराणसी शहर में लंका, सामने घाट, रामनगर, पड़ाव आदि क्षेत्रों में बड़ी संख्या में बिहार के लोग अपना घर बनवाकर रहते हैं और अब वे भी बनारसी रंग में रंग चुके हैं। इनती सारी समानताओं का असर लोग चुनाव में भी देख रहे हैं। इतना ही नहीं बिहार की इन आठों लोकसभा क्षेत्रों के लोगों के लिए वाराणसी और मिर्जापुर करीब में सबसे बड़ा धार्मिक पर्यटन का केंद्र भी है।
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