Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Pension will be calculated from the total service even if regulars are done later important decision of Allahabad High Court

पेंशन को लेकर कर्मचारियों को मिली बड़ी राहत, हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनाया अहम फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अस्थायी से स्थायी हुए सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में बड़ा फैसला दिया है। ऐसे कर्मचारियों का गैर नियमित सेवाकाल भी पेंशन का आकलन करते समय जोड़ा जाएगा।

Yogesh Yadav विधि संवाददाता, लखनऊFri, 17 Feb 2023 08:21 PM
share Share

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अस्थायी से स्थायी हुए सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में बड़ा फैसला देते हुए कहा है कि ऐसे कर्मचारियों का गैर नियमित सेवाकाल भी पेंशन का आकलन करते समय उनके कुल कार्यकाल में जोड़ा जाएगा।

न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल पीठ ने यह निर्णय उत्तर प्रदेश पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधि मान्यकरण अधिनियम, 2021 की धारा 2 के सम्बंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वर्ष 2019 में प्रेम सिंह मामले में दिये गए फैसले की व्याख्या करते हुए पारित किया है।

न्यायालय ने कार्य प्रभारी कर्मचारी,  दैनिक मजदूर, तदर्थ कर्मचारी व सीजनल संग्रह अमीनों की ओर से अलग-अलग दाखिल 50 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया है।

याचिकाओं में सरकार के उन आदेशों को चुनौती दी गई थी जिनमें पेंशन प्रदान करने के बावत निर्णय लेते समय याचियों की गैर नियमित सेवाकाल को उनकी कुल सेवा में न जोड़ते हुए उन्हें पेंशन का लाभार्थी मानने से इंकार कर दिया था।

न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के प्रेम सिंह के मामले में दिये गए फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि नियमित कर्मचारियों की भांति ही वर्षों तक बराबर कार्य करने के बावजूद गैर नियमित सेवाकाल को स्थायी हो चुके कर्मचारियों के कुल सेवाकाल में न जोड़ना विभेदकारी है तथा अविधिक है।

न्यायालय ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि उत्तर प्रदेश पेंशन हेतु अर्हकारी सेवा तथा विधि मान्यकरण अधिनियम 2021 की धारा 2  में पेंशन हेतु अर्हकारी योग्यता का तात्पर्य सेवा से है। न्यायालय ने कहा कि अस्थायी कर्मचारी ने अपनी सेवाएं स्थायी होने से पूर्व भी दी हैं, फिर चाहे वे सेवाएं स्थायी होने के पश्चात दी गई हों या अस्थायी प्रकृति की रहीं हों।

अगला लेखऐप पर पढ़ें