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42 साल नौकरी करने के बाद पेंशन बनी 1459 रुपए, इस उदाहरण से समझिए NPS का हिसाब 

सीएसए में वरिष्ठ सहायक के पद से रिटायर हुए कल्याण शरण मिश्रा को मात्र 1459 रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही है। विभाग ने रिटायरमेंट के बाद उन्हें ग्रेच्युटी देने से इनकार कर दिया है।

Ajay Singh वरिष्ठ संवाददाता, कानपुरSat, 20 May 2023 06:51 AM
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New Pension Scheme: नई पेंशन योजना (एनपीएस) में रिटायर हो रहे शिक्षक ही नहीं कर्मचारी भी घाटे में हैं। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) में वरिष्ठ सहायक के पद से रिटायर हुए कल्याण शरण मिश्रा को मात्र 1459 रुपये प्रति माह पेंशन मिल रही है। विभाग ने रिटायरमेंट के बाद उन्हें ग्रेच्युटी देने से इनकार कर दिया है। वे पिछले एक वर्ष से दौड़ भाग में लगे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।

कल्याण शरण ने सीएसए में 1980 में नौकरी की शुरुआत की थी। पर वे मानदेय पर कार्य रहे थे। तमाम प्रयासों के बावजूद उनकी नियुक्ति स्थायी तौर पर नहीं हो सकी। कल्याण शरण के अनुसार उन्हें वर्ष 2010 में स्थायी रूप से वरिष्ठ सहायक की नौकरी मिल सकी। फरवरी 2019 से एनपीएस की कटौती शुरू हुई।

नियुक्ति तिथि से 2019 तक का राज्यांश उनके खाते में जमा हो गया। वर्ष 2022 में रिटायरमेंट हुआ तो पेंशन के लिए प्रयास किए। उन्होंने कहा कि नई पेंशन में हमारा अंश यदि शुरू से कटा होता तो यह स्थिति न होती।

कल्याण के अनुसार हमारा और राज्य का कुल अंश 06.80 लाख बना जिसमें से 03.80 लाख रुपये हमें दे दिए गए। शेष धनराशि से नई पेंशन बना दी गई। जो धनराशि जमा थी और जिस एजेंसी में भी लगाई गई उसका कोई लाभ नहीं मिला। प्रति माह मात्र 1459 रुपये पेंशन बन पाई। यदि समय से सब कुछ हुआ होता और राज्यांश पूरा होता तो संभव है अच्छी पेंशन मिल जाती।

वरिष्ठ सहायक ने बताया कि विभाग ने उन्हें ग्रेच्युटी भी नहीं दी। कहते हैं कि नौकरी प्लान की है। ऐसे में उन्हें ग्रेच्युटी नहीं दी जा सकती। उनका कहना है कि मात्र डेढ़ वर्ष तक उन्होंने प्लान में नौकरी की। इसके बाद से नॉन प्लान में करते रहे। ग्रेच्युटी को लेकर शासनादेश स्पष्ट है। ग्रेच्युटी देना होगी। पर विभाग ग्रेच्युटी देने को तैयार नहीं है।

अटेवा के प्रांतीय उपाध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नई पेंशन स्कीम के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए हर तरह का संघर्ष किया जाएगा। कर्मचारी को ग्रेच्युटी नहीं दी जा रही है जबकि शासनादेश में किसी तरह की बाधा नहीं है। इसे दिलाने के प्रयास होंगे।

निदेशक एडमिनिस्‍ट्रेशन डॉ. नौशाद खान ने बताया कि मूल नियुक्ति जिसमें हुई है उसे उसी का कर्मचारी माना जाता है। उसमें भले ही बाद में किसी अन्य योजना में नौकरी की हो। नई पेंशन योजना में ग्रेच्युटी देय है पर प्लान-नॉन प्लान को लेकर संशय है। इस बारे में जानकारी की जाएगी।

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