Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़operation of lucknow metro severely affected due to chinese manjha of kite

पतंगबाजी का शौक लखनऊ मेट्रो पर पड़ रहा भारी, परिचालन बुरी तरह प्रभावित

नवाबों के शहर लखनऊ के बाशिंदो का पतंगबाजी का शौक राजधानी में चलने वाली मेट्रो पर भारी पड़ रहा है। पतंग उड़ाने में इस्तेमाल हो रहा चीनी मांझा ओएचई लाइन को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। उत्तर प्रदेश...

Abhishek Tiwari एजेंसी, लखनऊWed, 9 Dec 2020 04:30 PM
share Share

नवाबों के शहर लखनऊ के बाशिंदो का पतंगबाजी का शौक राजधानी में चलने वाली मेट्रो पर भारी पड़ रहा है। पतंग उड़ाने में इस्तेमाल हो रहा चीनी मांझा ओएचई लाइन को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) के एक अधिकारी ने बताया कि मेट्रो कॉरिडोर के निकट पतंग न उड़ाने की कई अपीलों के बावजूद लोग इन पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सोमवार रात करीब नौ बजे विश्वविद्यालय स्टेशन के नजदीक मेट्रो की ओएचई लाइन चीनी मांझा फंसा होने के कारण ट्रिप हो गई, इसके चलते कुछ वक्त के लिए बिजली आपूर्ति बाधित हुई और एक लाइन पर मेट्रो की सेवा कुछ समय के लिए प्रभावित हुई। उन्होंने बताया कि यूपीएमआरसी ने इस संबंध में महानगर थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में ट्रिपिंग के 508 मामले लखनऊ मेट्रो ने दर्ज किए हैं। यूपीएमआरसी ने इस संबंध में कई बार प्राथमिकी दर्ज कराई है।

अधिकारी ने बताया कि मेट्रो रेलवे अधिनियम 2002 के तहत मेट्रो संपत्ति को क्षति पहुंचाने पर दस साल की सजा और बिना वारेंट गिरफ्तारी का प्रावधान है। अधिकारी के मुताबिक चीनी मांझे में धातु का इस्तेमाल होने की वजह से विद्युत आपूर्ति बाधित होती है, साथ ही लोग पतंग उड़ाने के लिए कॉपर के तार का भी इस्तेमाल करते हैं, जिससे लोगों के गले और आंखों में गंभीर चोट आने के साथ-साथ पशु-पक्षियों को भी नुकसान पहुंच रहा है। मेट्रो की ओएचई लाइन से 25 हजार वोल्ट या 25 केवी वोल्टेज की बिजली आपूर्ति होती है। इससे पतंग उड़ाने वाले की बिजली के करेंट से जान भी जा सकती है।नवंबर 2015 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश में चीनी मांझे की बिक्री पर रोक लगा दी थी।

अगला लेखऐप पर पढ़ें