मंत्री पद को लेकर ओपी राजभर के बदले सुर, अब डेट देने से परहेज, यह बोले
घोसी उपचुनाव में भाजपा की हार ने ओपी राजभर को बड़ा झटका दिया। तभी से उनका मंत्री बनना खटाई में पड़ा हुआ है। हालांकि इस बीच राजभर लगातार इस बात का दावा करते रहे कि वह मंत्री जरूर बनेंगे।
यूपी की राजनीति में सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाले सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर का मंत्री बनने का सपना दिवाली पर भी पूरा नहीं हो सका है। खुद राजभर तारीख पर तारीख दे रहे थे, लेकिन अब तारीख देने से परहेज कर रहे हैं। अब राजभर का कहना है कि मंत्री तो जरूर बनेंगे। जिस दिन विस्तार होगा मंत्री बनाया जाएगा। ओपी राजभर की सुभासपा जुलाई में ही एनडीए का हिस्सा हो गई थी। दिल्ली में अमित शाह की उपस्थिति में इसका ऐलान हुआ था। इसके बाद एनडीए की बैठक में भी ओपी राजभर पहुंचे थे। तभी से राजभर के मंत्री बनने की चर्चा शुरू हो गई थी।
इसी बीच घोसी उपचुनाव का ऐलान हुआ और कहा गया कि चुनाव बाद मंत्री बनेंगे। चुनाव में भाजपा की हार ने राजभर को बड़ा झटका दिया। तभी से उनका मंत्री बनना खटाई में पड़ा हुआ है। हालांकि इस बीच राजभर लगातार इस बात का दावा करते रहे कि वह मंत्री जरूर बनेंगे। बार-बार तारीखों का भी ऐलान करते रहे। पहले नवरात्र में मंत्री बनने की बातें कहीं। दिवाली से पहले योगी मंत्रिमंडल के विस्तार और शपथ की बात खुद बोली। पिछले महीने तो यहां तक कह दिया कि सात नवंबर को तारीख का ऐलान हो जाएगा। सात तारीख भी बीत गई और दिवाली भी आकर चली गई।
अब राजभर का कहना है कि विस्तार होगा तो मंत्री जरूर बनेंगे। एक चैनल से बातचीत में राजभर ने कहा कि अभी विस्तार को लेकर कोई बात नहीं हुई है। जब उनसे पूछा गया कि अगर उनको मंत्री नहीं बनाया गया तो क्या करेंगे। इस पर कहा कि अगर विस्तार हो गया होता और हम मंत्री नहीं बनते तब इस तरह की बात होती। पहले विस्तार होने दीजिए। विस्तार होगा तो मंत्री जरूर बनेंगे।
दबाव की राजनीति भी शुरू
हालांकि इस बीच राजभर ने दबाव की राजनीति भी शुरू कर दी है। राजभर ने लोकसभा चुनाव के लिए यूपी और बिहार से पांच सीटें मांग ली हैं। इनमें तीन उप्र और दो बिहार की हैं। भाजपा के सहयोगी के रूप में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उनकी पार्टी की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर, राजभर ने कहा, हमारे लोग हमेशा जमीनी स्तर पर कार्य करते हैं। हम हमेशा चुनाव के लिए तैयार हैं। ओमप्रकाश राजभर ने 'पीटीआई-भाषा' को दिये गये एक विशेष साक्षात्कार में अपनी इस मांग की जानकारी दी।
ओबीसी में आने वाली राजभर जाति में सुभासपा की पूर्वी उत्तर प्रदेश में मजबूत पकड़ है और इसका लक्ष्य पड़ोसी बिहार के निकटवर्ती क्षेत्रों में कुछ संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ना है। आगामी लोकसभा चुनावों के लिए राजग सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे पर राजभर ने कहा, हमने भाजपा से उत्तर प्रदेश में तीन और बिहार में दो सीटें मांगी हैं। देखते हैं हमें क्या मिलता है। सीट बंटवारे पर चर्चा अभी बाकी है।
राजभर ने कहा कि पार्टी बिहार में भी जमीनी स्तर पर काम कर रही है और कहा, ''हम कटिहार, गोपालगंज (बिहार राज्य के) और अन्य क्षेत्रों में बैठक कर रहे हैं।
पार्टी कार्यकर्ता हमारे आधार को मजबूत कर रहे हैं, जिसके कारण उन्होंने बिहार में दो सीटें मांगी हैं। हालांकि, सुभासपा प्रमुख ने सीटों का विवरण देने से इनकार कर दिया और कहा, ''कोई भी सीट दे दें। उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा और चार सीटें जीती थीं।
मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल के दौरान राजभर को भी मंत्री बनाया गया था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और सुभासपा की राहें अलग हो गईं। सुभासपा के औपचारिक रूप से राजग में शामिल होने के बाद राज्य में मंत्री पद मिलने के बारे में पूछे जाने पर, राजभर ने कहा, ''यह जल्द ही साकार होगा।