कांवड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर बोले राजभर- UPA सरकार में बना था कानून, उनका अधूरा काम कर रहे हम
कांवड़ रूट पर दुकानों के बाहर नाम लिखने पर ओपी राजभर ने कहा कि यह 2006 में यूपीए सरकार द्वारा बनाया गया कानून था। बीजेपी और एनडीए सरकार नया कानून नहीं लाई। कानून है जिसका पालन हो रहा है।
कांवड़ यात्रा रूट की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के विवाद पर जमकर राजनीति हो रही है। इसमें एनडीए से जुड़े कई दल सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हो गए हैं तो कई ने उनके फैसले पर उनका साथ दिया। इस विवाद में अब उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर भी उतर गए हैं। उन्होंने कहा यूपी सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए कहा है कि ये तो यूपीए सरकार में बना एक कानून है जिसका वो पालन कर रहे हैं।
ओपी राजभर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह 2006 में यूपीए सरकार द्वारा बनाया गया कानून था। बीजेपी और एनडीए सरकार कोई नया कानून नहीं लेकर आई। उन्हीं के द्वारा बनाया कानून है जिसका पालन हो रहा है। जो काम वो नहीं कर पाए वो हम कर रहे हैं। महिलाओं आरक्षण में वो नहीं कर पाए वो मोदी सरकार में हुआ।
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उन्होंने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा की सरकारों में अनाज गोदामों में सड़ रहे थे जो एनडीए सरकार में लोगों तक पहुंच रहा है। किसानों को सम्मान निधि, गरीबों को आवास, दवा के लिए आयुष्मान कार्ड बनाकर इलाज के लिए रुपये दे रहे हैं। आज हम कई योजनाओं के माध्यम से लोगों को फायदा पहुंचा रहे हैं। आज बड़े पैमाने पर सुधार हुआ है। कानून यूपीए सरकार ने बनाया है हम केवल उनके द्वारा बनाए गए इस कानून को लागू कर रहे हैं।
गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के बाहर नेम प्लेट लगाए जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसको लेकर संस्था ने एक याचिका दाखिल की है, जिस पर आज सुनवाई हो रही है।
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