ज्ञानवापी पर हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, शृंगार गौरी की नियमित पूजा होनी चाहिए? यह आया जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वाराणसी में ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी की नियमित पूजा पर उनका क्या कहना है। इस पर राज्य सरकार की तरफ से जवाब आ गया है। पक्ष रखने से इनकार कर दिया गया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वाराणसी में ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी की नियमित पूजा पर उनका क्या कहना है। इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि यह याचिका व्यवहार प्रक्रिया संहिता के आदेश सात नियम 11 के तहत दाखिल की गई है इसलिए इस स्तर पर सरकार को अपना पक्ष रखने की जरूरत नहीं है। यदि कोर्ट कोई आदेश करेगी तो उस बिंदु पर सरकार स्पष्टीकरण दे सकती है। कोर्ट ने कोई आदेश नहीं किया। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और मुख्य स्थाई अधिवक्ता पंचम बिपिन बिहारी पांडेय उपस्थित थे।
मामले में बुधवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई गुरुवार को भी जारी रखने का निर्देश दिया है। गुरुवर को कोर्ट मे मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता से अपने तर्क प्रस्तुत करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने अंजुमने इंतजामिया कमेटी की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पहले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और हरिशंकर जैन ने मंदिर पक्ष की ओर से अपनी बहस पूरी की। कोर्ट ने गुरुवार को अंजुमने इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता से अपना पक्ष रखने को कहा है।