ओमप्रकाश राजभर Vs अनिल राजभर, लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद सतह पर आई दो क्षत्रपों की लड़ाई
उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट के चुनावी नतीजों के बहाने एक नई रार शुरू हो गई है। परिणामों की समीक्षा के नाम पर होने वाली बयानबाजी को लेकर प्रदेश सरकार के दो कैबिनेट मंत्री आमने-सामने आ गए हैं।
UP Politics after Lok Sabha Election Result: यूपी की घोसी लोकसभा सीट के चुनावी नतीजों के बहाने एक नई रार शुरू हो गई है। परिणामों की समीक्षा के नाम पर होने वाली बयानबाजी को लेकर प्रदेश सरकार के दो कैबिनेट मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। फर्क इतना है कि एक भाजपा तो दूसरे सहयोगी दल सुभासपा के हैं। यूं तो सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर और यूपी सरकार के श्रम मंत्री अनिल राजभर के आपसी संबंध किसी से छिपे नहीं हैं। ताजा मामला राजभर के उस वीडियो को लेकर है, जिसमें उन्होंने पार्टी की कथित समीक्षा बैठक में मोदी-योगी को खारिज किए जाने की बात कही थी। हालांकि कुछ ही समय बाद उनके बेटे अरविंद राजभर ने उसे फर्जी और तोड़-मरोड़कर पेश किया गया बताया था।
खुद ओपी राजभर भी उस पर सफाई दे चुके हैं। बावजूद इसके श्रम मंत्री अनिल राजभर ने बेहद सधे अंदाज में ओमप्रकाश राजभर और उनकी पार्टी की सियासी हैसियत पर ही सवाल उठा दिए हैं। अनिल राजभर ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर को इस बात की समीक्षा करनी चाहिए कि राजभर समाज का वोट उनके साथ क्यों नहीं हैं। घोसी सीट पर निर्दल प्रत्याशी लीलावती राजभर को 45 हजार से अधिक वोट आखिर कैसे मिल गए। अनिल ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट कहा है कि ओमप्रकाश राजभर के बेटे को घोसी में भाजपा का वोट तो मिला लेकिन वो अपने सजातीय वोटरों को ही नहीं रोक पाए।
वहीं बलिया लोकसभा क्षेत्र की हार के बहाने अनिल राजभर ने सुभासपा के साथ होने वाले गठबंधन को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। श्रम मंत्री ने कहा कि जहूराबाद विधानसभा सीट से ओमप्रकाश राजभर विधायक हैं। यह सीट बलिया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। मगर इस विधानसभा में भाजपा प्रत्याशी नीरज शेखर करीब 15 हजार वोटों से हार गए। इशारों-इशारों में अनिल राजभर ने राजभर वोटों पर सुभासपा प्रमुख की पकड़ पर सवाल उठाने के साथ ही यह भी जता दिया है कि वे न बेटा जिता पाए और न ही अपनी विधानसभा।
ओम प्रकाश राजभर पर निशाना साधते रहे हैं अनिल
यूं भी अनिल राजभर पहले से ही सुभासपा से गठबंधन को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। अब घोसी और बलिया में एनडीए प्रत्याशियों की हार के बाद उन्हें फिर मौका मिल गया है। ऐसे में उन्होंने कई तीर अपने सजातीय क्षत्रप ओमप्रकाश राजभर की ओर छोड़ दिए हैं। हालांकि ओम प्रकाश राजभर ने इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।