विभागों के बटवारे में ओम प्रकाश राजभर को मिली अहमियत, कुछ मंत्रियों का कद घटा
योगी सरकार के नए मंत्रियों के विभाग बंटवारे में ओम प्रकाश राजभर को विभागों के बटवारे में खासी अहमियत मिली है। उन्हें दो महत्वपूर्ण विभाग पंचायती राज व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मिले हैं।
योगी सरकार में नए मंत्री बने ओम प्रकाश राजभर को विभागों के बटवारे में खासी अहमियत मिली है। उन्हें दो महत्वपूर्ण विभाग पंचायती राज व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग मिले हैं। इस तरह सरकार में राजभर का कद अब बढ़ गया है। पर अन्य सहयोगी रालोद के साथ ऐसा नहीं हुआ। राज्यमंत्री अजीत पाल अब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री व आईटी मंत्री से संबद्ध हो गए। कारागार विभाग के राज्यमंत्री अब नए कारागार कैबिनेट मंत्री दारा सिंह से संबंद्ध हो गए हैं।
ओम प्रकाश को मिली अहमियत
अगर विभागों के हिसाब से देखें तो ओम प्रकाश राजभर को खासी अहमियत मिली है। उन्हें पिछली बार पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग दिया गया था। इस विभाग को कई अहम विभागों के मुकाबले कम महत्व का माना जाता है। बाकी तीन मंत्रियों को दिए गए विभाग भी अपेक्षाकृत हल्के माने जाते हैं। रालोद के कोटे से मंत्री बने अनिल कुमार को हल्का विभाग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी दिया गया है जबकि भाजपा के सुनील शर्मा को भी ऐसा ही अपेक्षाकृत हल्का विभाग इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मिला है।
कई मंत्रियों का कद घटा
नए मंत्रियों को विभाग देने के लिए मुख्यमंत्री ने दूसरे मंत्रियों के विभाग कम दिए। इससे एक ओर नए मंत्रियों के लिए विभागों का इंतजाम हो गया तो दूसरी ओर कुछ मंत्रियों का कद भी छांट दिया गया। मुख्यमंत्री ने इन मंत्रियों को विभाग देने के लिए दूसरे मंत्रियों के विभागों में कटौती कर दी। इन मंत्रियों के पास दो-दो विभाग थे। इन मंत्रियों में योगेंद्र उपाध्याय, धर्मपाल सिंह, स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री धर्म वीर प्रजापति हैं। अब इन तीनों का बोझ हल्का किया गया है। धर्मवीर प्रजापति से कारागार लिया गया है। उनके पास होमगार्ड पहले से ही था। अब नागरिक सुरक्षा विभाग भी दिया गया है। धर्मपाल सिंह के पास अब अल्पसंख्यक कल्याण हट गया और पशुधन विभाग, दुग्ध विकास व राजनैतिक पेंशन विभाग बचा है।
अभी भी कुछ मंत्रियों के पास है कई विभाग
योगी मंत्रिमंडल में एके शर्मा को कद्दावर मंत्री माना जाता है। नौकरशाह रह चुके एके शर्मा बतौर मंत्री नगर विकास के साथ-साथ ऊर्जा विभाग भी संभाल रहे हैं। इसके अलावा उनके पास अतिरिक्त ऊर्जा विभाग भी हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पास ग्राम विकास, खाद्य प्रसंस्करण, सार्वजनिक उद्यम विभाग है तो उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के पास चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिावार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण विभाग हैं। मंत्री जयवीर सिंह के पास पर्यटन व संस्कृति विभाग हैं। मंत्री राकेश सचान के पास एमएसएमई, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग हैं। वैसे ज्यादातर मंत्रियों के पास अब एक-एक विभाग ही है।
मुख्यमंत्री के पास अभी हैं 35 विभाग
मुख्यमंत्री ने अपने पास 35 विभाग रखे हैं। इनमें नियुक्ति, कार्मिक, गृह, सतर्कता, आवास एवं शहरी नियोजन, राजस्व, खाद्य एवं रसद, नागरिक आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, भूतत्व एवं खनिकर्म, अर्थ एवं संख्या, राज्य कर एवं निबन्धन, सामान्य प्रशासन, सचिवालय प्रशासन, गोपन, सूचना, निर्वाचन, संस्थागत वित्त, नियोजन, राज्य सम्पत्ति, उप्र पुनर्गठन समन्वय, प्रशासनिक सुधार, कार्यक्रम कार्यान्वयन, अवस्थापना, भाषा, अभाव सहायता एवं पुनर्वास, लोक सेवा प्रबन्धन, किराया नियंत्रण, प्रोटोकॉल, सैनिक कल्याण एवं प्रान्तीय रक्षक दल, नागरिक उड्डयन, न्याय एवं विधायी विभाग धर्मार्थ कार्य शामिल हैं।