शौकीनों को भरपूर मिलेगी शराब और बियर, अब मौसम के हिसाब से बढ़ेगा कोटा
बियर-शराब की बिक्री और दुकानदारों को होने वाली परेशानी को देखते हुए आबकारी विभाग ने अब शराब और बियर का माहवार अलग-अलग कोटा तय कर दिया है।
बियर-शराब की बिक्री और दुकानदारों को होने वाली परेशानी को देखते हुए आबकारी विभाग ने अब शराब और बियर का माहवार अलग-अलग कोटा तय कर दिया है। अभी तक वार्षिक कोटा निर्धारित था। माहवार कोटे में सर्दी यानी नवंबर से जनवरी तक अंग्रेजी और गर्मी यानी अप्रैल से जून तक बियर का कोटा बढ़ा दिया गया है। यह बदलाव एक अप्रैल से लागू की गई आबकारी नीति में संशोधन कर किया गया है। विभाग के अफसरों का दावा है कि इस बदलाव से लाइसेंसी शराब और बियर के दुकानदारों को बड़ी राहत होगी।
अब तक बियर और अंग्रेजी शराब के दुकानदारों को करीब आठ फीसदी कोटा हर महीने उठाना होता था, लेकिन सर्वे में यह बात सामने आई है कि अंग्रेजी शराब की जो बिक्री नवंबर से जनवरी के बीच होती है, वो गर्मी में आधी रह जाती है। यही स्थिति बियर के साथ होती है। बियर की जो सेल गर्मी में अप्रैल से जून के बीच होती है वह ठंडी में आधी रह जाती है। ऐसी स्थिति में दुकानदारों पर दबाव बढ़ता था और उन्हें जबरन माल उठाना होता था। इस स्थिति को देखते हुए अब माहवार कोटा अलग-अलग कर दिया गया है। नीति में संशोधन का यह आदेश आबकारी आयुक्त सेंथिल पांडियन सी ने हाल ही में जारी किया है। जिसे सभी जोन के संयुक्त आबकारी आयुक्त, सभी उप आबकारी आयुक्त तथा सभी जिला आबकारी अधिकारी को भेजा गया है।
अब इस तरह रहेगा माहवार कोटा
माह बियर शराब
अप्रैल 14 फीसदी 07 फीसदी
मई 14 फीसदी 10 फीसदी
जून 12 फीसदी 08 फीसदी
जुलाई 09 फीसदी 06 फीसदी
अगस्त 08 फीसदी 06 फीसदी
सितंबर 07 फीसदी 06 फीसदी
अक्तूबर 06 फीसदी 10 फीसदी
नवंबर 06 फीसदी 10 फीसदी
दिसंबर 05 फीसदी 10 फीसदी
जनवरी 05 फीसदी 10 फीसदी
फरवरी 07 फीसदी 09 फीसदी
मार्च 07 फीसदी 08 फीसदी
सर्वे में यह तथ्य आया सामने
अगर पिछले साल की बात करें तो प्रदेश में अप्रैल से जून के बीच बियर निर्धारित कोटे की 37.9 फीसदी बिकी थी, जबकि नवंबर से जनवरी के बीच बिक्री घटकर 15 फीसदी रह गई थी। वहीं नवंबर से जनवरी के बीच अंग्रेजी शराब की सेल 30.6 फीसदी थी, जो अप्रैल से जून के बीच कम होकर 18 फीसदी रह गई थी।
यह होगा फायदा
नवंबर में अप्रैल के बराबर बियर या शराब उठाने पर सामान दुकान में डंप हो जाता था। जिसके रखरखाव में परेशानी होती थी और बाद में टूट फूट से नुकसान का खतरा बना रहता था। जो अब नहीं होगा।
जिला आबकारी अधिकारी जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि महीने के हिसाब से अलग-अलग कोटा तय कर दिया गया है। मुख्यालय से आए आदेश के बाद इसे अनुज्ञापियों को दे दिया गया है।