मूसलाधार बारिश के बीच नेपाल ने छोड़ा पानी, यूपी की नदियां उफनाईं, कई जिलों में आफत; गांव डूबे
एक हफ्ते से जारी मूसलाधार बारिश और नेपाल से छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा, रामगंगा, शारदा, राप्ती, सरयू और गंडक नदियां उफना गई हैं। इससे UP और बिहार में बाढ़ की स्थिति सोमवार को गंभीर हो गई।
Flood situation in UP: बीते एक हफ्ते से जारी मूसलाधार बारिश और नेपाल से छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा, रामगंगा, शारदा, राप्ती, सरयू और गंडक नदियां उफना गई हैं। इससे यूपी और बिहार में बाढ़ की स्थिति सोमवार को गंभीर हो गई। राप्ती नदी ने बलरामपुर और श्रावास्ती के कई गांवों को डुबो दिया है वहीं, सोमवार तड़के बनबसा बैराज से शारदा नदी में पानी छोड़ते ही पीलीभीत और लखीमपुर जिले में आफत आ गई। पीलीभीत में नवनिर्मित माला-शाहगढ़ रूट पर बनी पुलिया पानी में बह गई। पूरा रेलवे ट्रैक हवा में लटक गया। वहीं, कलीनगर और बरखेड़ा में सड़क कट जाने से कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। प्रदेश में डूबने और आकाशीय बिजली से 15 लोगों की मौत हो गई। आकाशीय बिजली से चार, अतिवृष्टि से दो, सांप काटने से एक और डूबने से आठ लोगों की मौतें हुई हैं।
लगातार हो रही बारिश और बाढ़ से बलरामपुर में दो बच्चे, अयोध्या और सीतापुर में एक-एक युवक पानी में डूब गया। पीलीभीत की फरीदपुर तहसील में तीन लोग उफनाए नाले में डूब गए।
पीलीभीत में माला-शाहगढ़ मार्ग पर बनी पुलिया पानी में बह गई। यहां पूरा रेलवे ट्रैक हवा में लटक गया है। वहीं, पीलीभीत में शारदा नदी में सोमवार सुबह वनबसा बैराज से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से पीलीभीत और लखीमपुर के कई इलाकों में तबाही मच गई है। ट्रांस शारदा क्षेत्र में 20 से अधिक गांवों में पानी भर गया है। उधर, देहरादून से टनकपुर जा रही ट्रेन को पीलीभीत में रोका गया, 17 ट्रेनें रद्द कर दी गईं। बरेली, बदायूं और शाहजहांपुर में नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।
कुशीनगर, गोण्डा समेत छह जिले बाढ़ की चपेट में
प्रदेश के छह जिले गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, कुशीनगर, पीलीभीत और लखीमपुर खीरी बाढ़ की चपेट में हैं। राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार के मुताबिक बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उनके रहने व खाने की व्यवस्था की जा रही है। गोण्डा में बिसुही नंदी से दो तहसीलें बाढ़ की चपेट में हैं। दो नावों को लगाकर 31 लोगों को शरणालय स्थलों पर पहुंचाया गया। बलरामपुर में राप्ती में बहाव अधिक होने की वजह से तीन तहसील के 14 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। यहां 19 लोगों को शरणालयों में पहुंचाया गया है। श्रावस्ती में 82 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। कुशीनगर में 16, पीलीभीत में 97 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। बस्ती में सरयू नदी उफान पर है। सोमवार को अयोध्या में जलस्तर खतरे के निशान से महज 46 सेन्टीमीटर नीचे रिकॉर्ड किया गया है।
गंडक, बूढ़ी राप्ती लाल निशान के पार
गोरखपुर-बस्ती मंडल में मौसम का मिजाज एक हफ्ते बाद कुछ गर्म हुआ। धूप निकलने से दिन का तापमान 24 घंटे में पांच डिग्री सेल्सियस ऊपर चढ़ा। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार तक बारिश होने का अनुमान है। वहीं, नेपाल सहित पूर्वांचल में हुई बारिश का असर नदियों के जलस्तर पर पड़ने लगा है। गोरखपुर में राप्ती खतरे के निशान से मात्र 46 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। वहीं,घाघरा 24 घंटे के अंदर 76 सेमी बढ़ी है।
उधर, वाल्मीकि नगर बैराज से तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इससे कुशीनगर के खड्डा रेता क्षेत्र के गांव पानी से घिर गए हैं। इसके अलावा रोहिन नदी का जलस्तर सोमवार को तिनमुहानी घाट पर 81.890 मीटर दर्ज किया गया जबकि यहां खतरे का निशान 82.440 मीटर है। गोर्रा और कुआनो में भी पानी अपने चढ़ाव पर है।
सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती नदी लाल निशान पार कर कोहराम मचाने की ओर अग्रसर है। बूढ़ी राप्ती का जलस्तर सोमवार को 86.64 मीटर दर्ज किया गया। इसी तरह बांसी में राप्ती नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार कर गया है। बानगंगा को छोड़ कर बाकी नदियों के जलस्तर में बढ़त हो रही है। नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई मार्गों पर बाढ़ का पानी आ गया है। बस्ती में सरयू नदी उफान पर है। सोमवार को अयोध्या में जलस्तर खतरे के निशान से महज 46 सेन्टीमीटर नीचे रिकॉर्ड किया गया है। अगले 24 घंटे में सरयू नदी का जलस्तर डेंजर लेवल पार करने की आशंका है।