सांड़ के हमले पर नगर निगम को देना होगा मुआवजा, जानें फोरम का ये फैसला
गोरखपुर की हदीसुन निशा को वर्ष 2017 में सांड़ ने पटक कर घायल कर दिया था। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसे लेकर नगर निगम सदन में हंगामा भी हुआ। फोरम ने नगर निगम को मुआवजा देने का आदेश दिया।
Compensation for death due to bull attack: गोरखपुर के आर्यनगर क्षेत्र की हदीसुन निशा को वर्ष 2017 में सांड़ ने पटक कर घायल कर दिया था। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसे लेकर नगर निगम सदन में हंगामा भी हुआ। लेकिन नगर निगम ने पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद हदीसुन निशा के पति इम्तियाज ने उपभोक्ता फोरम में वाद दाखिल कर दिया। फोरम ने 2022 में नगर निगम को 80 हजार रुपये हदीसुन निशा ने परिजनों को देने का आदेश सुनाया।
उपभोक्ता फोरम में अधिवक्ता बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव ने दलील दी कि छुट्टा पशुओं का इंतजाम करना नगर निगम की जिम्मेदारी है। यदि छुट्टा पशुओं का इंतजाम नहीं होता है और उनके हमले में किसी व्यक्ति की जान चली जाती है, तो निगम को क्षतिपूर्ति देना होगा। अधिवक्ता बताते हैं कि नगर निगम के जिम्मेदार फोरम में नहीं बता सके कि छुट्टा पशुओं के लिए उनके पास क्या इंतजाम हैं। इम्तियाज ने अपने अधिकार को जाना, और फोरम में वाद दाखिल कर मुआवजा भी हासिल किया।
सांड़ के हमले से मौत में बीमा राशि भी मिल सकती है। शहर के एक व्यक्ति की सांड़ के हमले में मौत हो गई। बीमा के लिए क्लेम होने पर कंपनी ने दलील दी कि यह न तो दुर्घटना है, न ही मुकदमा दर्ज हुआ है। मामले में फोरम में पीड़ित के पक्ष के अधिवक्ता ने सवाल किया कि सांड़ के हमले में किस थाने में मुकदमा दर्ज होगा? मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ। इस मामले में भी फोरम ने पीड़ित के परिजनों के पक्ष में निर्णय दिया और उन्हें बीमा कंपनी से बीमित राशि के एक लाख रुपये मिल गए।
परिणाम में देरी पर गोरखपुर यूनिवर्सिटी को देना पड़ा 29 हजार
सहजनवा क्षेत्र की कालेसर निवासी संध्या मौर्या ने 2012 में विज्ञान परास्नातक में प्रवेश लिया था। परीक्षा में देरी के चलते परिणाम में भी देरी हुई। इसके बाद संध्या ने उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। फोरम में छात्रा ने कहा कि परीक्षा के दो साल बाद भी परिणाम घोषित नहीं होने से वह नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पा रही है। सुनवाई के बाद फोरम ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को तत्काल परिणाम घोषित करने के साथ छात्रा के वाद व्यय और क्षतिपूर्ति के रूप में 29 हजार रुपये अदा करने का निर्णय दिया।
अधिकारों को जानें, रसीद सुरक्षित रखें
उपभोक्ता मामलों में जानकार बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव कहते हैं कि उपभोक्ताओं को अपने अधिकार को जानना चाहिए। खरीद की रसीद के साथ वारंटी-गारंटी की पर्ची जरूर सुरक्षित रखनी चाहिए। 5 लाख से कम कीमत पर उत्पादों को लेकर शिकायत है, तो फोरम में निशुल्क वाद दाखिल किया जा सकता है। एक निर्णय में फोरम ने सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही से मौत के मामले में मरीज के आश्रित को उपभोक्ता माना है।
ऑनलाइन शिकायत ऐसे दर्ज करें
ई- कॉमर्स से जुड़ी किसी भी धोखाधड़ी की ऑनलाइन शिकायत सरकार के शिकायत समाधान पोर्टल इंटरग्रेटेड शिकायत निवारण तंत्र पर दर्ज होता है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन की वेबसाइट या ऐप पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के तहत 1800-11-4000 या 14404 पर कॉल कर शिकायत दर्ज सकते हैं। 8130009809 नंबर पर एसएमएस भेजकर भी शिकायत दर्ज हो सकती है।
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