जज पर टिकी रहीं मुख्तार की नजरें, जेल में बंद बाहुबली को आज आठवीं सजा का इंतजार
Mukhtar Ansari Case: मंगलवार को जब फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में फैसला सुनाए वक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उसकी पेशी हुई तो पूरी कार्यवाही के दौरान उसकी निगाहें जज पर टिकी थीं।
Mukhtar Ansari Case: स्क्रीन पर मुख्तार का चेहरा उभरा और जज पर टिक गई निगाहें। फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में दोषी करार दिए गए मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मंगलवार को जब फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में फैसला सुनाए वक्त वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उसकी पेशी हुई तो पूरी कार्यवाही के दौरान उसकी निगाहें जज पर टिकी थीं। फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण मुख्तार अंसारी के खिलाफ 8वां मामला है, जिसमें बुधवार को उसे कोर्ट से सजा होगी। इसके पहले उसे सात मामलों में सजा हो चुकी है। उनमें से तीन सजा वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट से हुई है।
वाराणसी के जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में बनी बहुमंजिली इमारत के तीसरे तल्ले पर विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की कोर्ट है। कोर्ट खुलने के बाद दोपहर 2 बजे तक वहां का माहौल सामान्य था। लगभग ढाई बजे अचानक हलचल बढ़ गई। वरिष्ठ अधिवक्ता और आरोपी मुख्तार अंसारी के वकील श्रीनाथ त्रिपाठी अपने सहयोगी आदित्य वर्मा के साथ कोर्ट में पहुंचे। सीबीसीआईडी के अभियोजन अधिकारी उदयराज शुक्ला और एडीजीसी विनय कुमार समेत अन्य अधिकारी वहां पहले से मौजूद थे। सभी आपस में मुख्तार के बारे में चर्चा कर रहे थे। समय बीतने के साथ चर्चाओं को पंख लगते गए, वे कोर्ट रूम से बाहर कचहरी परिसर में तैरने लगीं।
उधर, बांदा जेल से मुख्तार अंसारी की पेशी के लिए वीडियो कांफ्रेंसिग की भी तैयारी हो चुकी थी। इस बीच विशेष न्यायाधीश कोर्ट में दाखिल हुए। कोर्ट में मौजूद सभी लोग अपने स्थान पर खड़े हो गए। कुछ क्षणों के बाद न्यायाधीश के सामने मुख्तार की फाइल प्रस्तुत की गई। न्यायाधीश के आदेश पर ठीक तीन बजे सिस्टम बांदा जेल से कनेक्ट हुआ। पलक झपकते ही स्क्रीन पर मुख्तार का चेहरा उभरा। उसकी नजरें जज की ओर ही थीं। मानों उसे मालूम हो कि आज क्या फैसला होने जा रहा है। कोर्ट रूम में सन्नाटा था। जज ने मुख्तार को बताया कि आईपीसी की धारा 428, 467, 468, 120बी व आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत आरोप सिद्ध होने पर उसे दोषी करार दिया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) के तहत आरोप सिद्ध नहीं होने पर उसे दोषमुक्त किया जाता है। जज ने 13 मार्च को फैसला सुनाने की तिथि तय कर दी। इसके बाद वह कोर्ट रूम से बाहर निकल गए। उनके जाने के बाद मुख्तार लगभग पांच मिनट तक स्क्रीन पर दिखा, फिर लिंक डिस्कनेक्ट हो गया। कार्रवाई लगभग 15 मिनट में पूरी हो गई।
एक प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट से हुआ है बरी
आर्म्स एक्ट और 5-टाडा एक्ट के तहत नई दिल्ली में दर्ज केस में न्यायालय एएसजे साउथ डिस्ट्रिक्ट नई दिल्ली ने 25 फरवरी 2003 को मुख्तार को पांच लाख 55 हजार के अर्थदण्ड व 10 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया था। इस फैसले के खिलाफ मुख्तार अंसारी ने अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 21 अप्रैल 2005 को इस मामले में उसे बरी कर दिया।
इनके बयान दर्ज हुए थे
-आलोक रंजन, गाजीपुर के तत्कालीन डीएम, जो प्रदेश के मुख्य सचिव भी रहे। उनका बयान 5 जुलाई 2022 को दर्ज हुआ।
-देवराज नागर, गाजीपुर के तत्कालीन एसपी एवं प्रदेश के पूर्व डीजीपी, इनका बयान 21 फरवरी 2023 को हुआ था।
- गाजीपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी जगन मैथ्यूज।
- श्रीप्रकाश (शस्त्रत्त् लिपिक) गाजीपुर।
- विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वैज्ञानिक मदन सिंह।
- अशफाक अहमद (सीबीसीआईडी)।
- मूलचंद तिवारी विवेचना अधिकारी (सीबीसीआईडी)।
- रामनारायण सिंह विवेचना अधिकारी (सीबीसीआईडी)।
- राम शिरोमणि पांडेय विवेचना अधिकारी (सीबीसीआईडी)।
- विश्व भूषण सिंह विवेचना अधिकारी (सीबीसीआईडी)।
- कोर्ट रूम से जज के जाने के बाद स्क्रीन पर पांच मिनट तक दिखता रहा मुख्तार अंसारी
- फाइल प्रस्तुत होते ही जज ने मुख्तार को बताया कि उसे दोषी करार दिया गया है
मुख्तार का अंतरराज्यीय गिरोह, 61 केसों में नामजद
इंटर-स्टेट 191 गैंग गिरोह के सरगना मुख्तार अंसारी पर वाराणसी, गाजीपुर समेत विभिन्न प्रदेशों में संगीन धाराओं में 61 मुकदमे दर्ज हैं। गाजीपुर में मुख्तार अंसारी गिरोह का पंजीकरण 14 अक्तूबर 1997 को हुआ आईएस (इंटर स्टेट) 191 गैंग के रूप में हुआ था। तब गिरोह में 22 सदस्य थे, अब 19 हैं।
170 शस्त्र लाइसेंस निलंबित
मुख्तार, अफजाल व गिरोह के अन्य सदस्यों के कुल 170 शस्त्रत्त् लाइसेंस रद हुए हैं, जबकि 165 शस्त्रत्त् जमा कराए गए हैं। इसके अलावा 75 बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोली गयी है। 10 नए गैंग पंजीकृत करते हुए कुल 106 नए सदस्य चिह्नित किए गए हैं।
बेटा और साले हैं जेल में
मुख्तार अंसारी का विधायक बेटा अब्बास अंसारी इन दिनों चित्रकूट जेल में बंद है। वहीं पुलिस मुख्तार की पत्नी आफ्शां अंसारी की तलाश कर रही है। इसके अलावा मुख्तार के साले भी अलग-अलग जेलों में बंद हैं।
तीन अरब से अधिक की संपत्ति की गई हैं जब्त
मुख्तार अंसारी गिरोह के आर्थिक साम्राज्य पर पुलिस ने गहरी चोट की है। वाराणसी जोन से जुड़े जनपदों में पिछले छह साल के दौरान कुल तीन अरब, सात करोड़ आठ लाख 64 हजार 497 रुपये की सम्पत्ति जब्त की गई है। दो अरब 85 करोड़ 44 लाख 76 हजार 810 रुपये की सम्पत्ति ध्वस्त की गई। दो अरब 54 करोड़ 27 लाख 52 हजार 704 रुपये के अवैध धंधे बंद कराए गए हैं।