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गाजीपुर में नुसरत अंसारी को मिली राजभर वाली छड़ी, अफजाल को साइकिल, क्यों लड़ रहे बाप-बेटी?

गाजीपुर लोकसभा सीट से मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी और उनकी बेटी नुसरत दोनों मैदान में हैं। पिता अफजाल अंसारी को साइकिल और बेटी नुसरत को ओपी राजभर वाली छड़ी चुनाव चिह्न मिला है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, गाजीपुरFri, 17 May 2024 11:05 PM
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गाजीपुर लोकसभा सीट पर चुनाव रोमांचक हो गया है। शुक्रवार को नाम वापसी का समय खत्म होने के बाद चुनाव चिह्नों का भी आवंटन कर दिया गया। मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी और उनकी बेटी नुसरत दोनों यहां से मैदान में हैं। अफजाल पहले से ही सपा के प्रत्याशी होने के कारण उन्हें साइकिल चुनाव चिह्न मिला हैं। चौंकाने वाला चुनाव चिह्न उनकी बेटी नुसरत को मिल गया है। नुसरत को ओपी राजभर वाली छड़ी चुनाव चिह्न के रूप में मिली है। ओपी राजभर की पार्टी सुभासपा का जहां भी लड़ती है चुनाव चिह्न छड़ी ही होता है। गाजीपुर की पड़ोसी सीट घोसी से ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर भी छड़ी चुनाव चिह्न पर मैदान में हैं। खुद ओपी राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से छड़ी चुनाव चिह्न पर लड़कर विधायक बने हैं। 

आम तौर पर बड़े प्रत्याशी अपने साथ डमी प्रत्याशी भी खड़े करते हैं। जब नामांकन पत्र में स्वीकार हो जाता है तो डमी प्रत्याशी अपना नाम वापस ले लेते हैं। अफजाल और नुसरत के मामले में ऐसा नहीं हुआ है। दरअसल अफजाल ने नुसरत को अपना डमी नहीं बनाया है। अफजाल को डर है कि गैंगस्टर के मामले में मिली चार साल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट से लगी अस्थाई रोक पर हाईकोर्ट का फैसला कुछ भी आ सकता है। अगर फैसला उनके खिलाफ गया तो चुनाव लड़ने पर पाबंदी लग जाएगी। ऐसी स्थिति से ही निबटने के लिए अफजाल ने बेटी को भी मैदान में उतारा है। हाईकोर्ट ने मामले पर फैसला सुरक्षित रखा है। 20 मई को अगली सुनवाई है। माना जा रहा है कि उस दिन फैसला आ सकता है। 

पिछले दिनों इसी केस का हवाला देते हुए अफजाल ने बेटी नुसरत को कार्यालय में पार्टी नेताओं से मिलवाया भी था। पहले इस मामले का फैसला 13 मई को आना था। ऐसे में नुसरत ने दो सेट में पर्चा भरा था। उसने एक पर्चा सपा से भी भरा था। सपा की ओर से अफजाल के साथ नुसरत को भी सिंबल दिया गया था। उस समय सोच यह थी कि अगर अफजाल नहीं लड़ते हैं तो नुसरत ही सपा की प्रत्याशी होंगी। लेकिन फैसला 20 तक टल जाने के कारण नुसरत का सपा वाला पर्चा खारिज हो गया। माना जा रहा है कि अगर 20 तारीख को फैसला अफजाल के खिलाफ जाता है तो सपा नुसरत को समर्थन दे देगी। अगर फैसला अफजाल के हक में जाता है तो नुसरत पिता के समर्थन में बैठने का ऐलान कर देंगी। 

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