मऊ-वाराणसी से लखनऊ तक मुख्तार अंसारी गैंग की ऐसी थी सांठगांठ, थानों में लगती रही रिपोर्ट; शस्त्र लाइसेंस मामले में नया खुलासा
मुख्तार गिरोह और शस्त्र अनुभाग की मिलीभगत के रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। अब जांच में सामने आया है कि एक ही समय पर नगालैंड से कई लाइसेंस बने जो यूपी के कई जिलों में ट्रांसफर कराये गये।
Mukhtar Ansari Gang: सपा विधायक अभय सिंह के साले संदीप सिंह के नगालैंड से बने फर्जी शस्त्र लाइसेंस की जांच से मुख्तार गिरोह और शस्त्र अनुभाग की मिलीभगत के रोजाना नए खुलासे हो रहे हैं। अब जांच में सामने आया है कि एक ही समय पर नगालैंड से कई लाइसेंस बने जो यूपी के कई जिलों में ट्रांसफर कराये गये। इसी कड़ी में एसटीएफ ने अब लखनऊ के अलावा मऊ, गाजीपुर, जौनपुर और वाराणसी समेत कई लोगों के शस्त्र लाइसेंस का ब्योरा खंगालना शुरू कर दिया है। इस मामले में शनिवार को एसटीएफ टीम कई तथ्य जुटाने में लगी रही।
संदीप के लाइसेंस की पड़ताल में लगी एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह की टीम ने अब तक सामने आये तथ्यों के आधार पर कुछ और सुबूत जुटा लिए है। एसटीएफ सूत्रों का दावा है कि कलेक्ट्रेट के कुछ कर्मचारियों ने इस बारे में कई जानकारियां दी है। इसमें ही पता चला कि दूसरे राज्यों से बने लाइसेंस को यूपी के किसी भी जिले में ये गिरोह ट्रांसफर करा लेता है। इसका खुलासा संदीप सिंह की गिरफ्तारी के बाद हुआ।
हर दस्तावेज जुटाना बाएं हाथ का खेल
एसटीएफ को ये भी पता चला कि अगर किसी के पास कोई दस्तावेज कम है तो उसकी तय कीमत लेकर ये उसका भी जुगाड़ कर लेते हैं। इस गिरोह के संपर्क में कई जिलों के कलेक्ट्रेट में तैनात कर्मचारी है। इसके अलावा अपने संपर्क के वकील से ये लोग शपथ पत्र भी तैयार करवा लेते है। एसटीएफ का दावा है कि संदीप के लाइसेंस को यहां ट्रांसफर कराने में इसी तरह फर्जी शपथ पत्र लगाया गया है। यही वजह है कि कलेक्ट्रेट के कर्मचारी उसे दिखाने से बच रहे है और शपथ पत्र अभी नहीं मिलने की बात कह रहे है।
पड़ताल करने नगालैंड भी जाएगी एसटीएफ्र
एसटीएफ की टीम नगालैंड से बने शस्त्रत्त् लाइसेंस का पूरा गठजोड़ पता करने के लिये जल्दी ही वहां जाएगी। लखनऊ में ट्रांसफर हुए अन्य लाइसेंस में दस्तावेजों की असलियत भी वहां से पता करेगी।