केजीएमयू और पीजीआई में बढ़ेंगी चिकित्सा सुविधाएं, मरीजों को मिलेगी राहत
राजधानी लखनऊ के केजीएमयू और पीजीआई में सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। आधुनिक मशीनों के जरिए इन संस्थानों के दर्जनों विभागों में इलाज की सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी है।
प्रदेश के दो सबसे प्रमुख चिकित्सा संस्थानों का कायाकल्प होगा। वहां और चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी है। आधुनिक मशीनों के जरिए इन संस्थानों के दर्जनों विभागों में इलाज की सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी है। शोध कार्यों के लिए भी सुविधाएं बढ़ेंगी। राज्य सरकार किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) और संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में चिकित्सा संबंधी उपकरण व सुविधाएं बढ़ाने पर पांच अरब रुपये खर्च करेगी। इसमें से तीन अरब 485 लाख रुपये की धनराशि जारी भी कर दी गई है।
केजीएमयू और एसजीपीजीआई यूपी के सबसे महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान माने जाते हैं। इन अस्पतालों में प्रदेश के साथ-साथ आसपास के राज्यों के मरीजों की भीड़ इलाज के लिए जुटती है। मरीजों का दबाव अधिक रहने के कारण यहां हमेशा वेटिंग की स्थिति रहती है। प्रदेश सरकार ने इन अस्पतालों के लिए दोतरफा सुधार की योजना पर काम शुरू किया है। एक ओर जहां बेड बढ़ाकर ज्यादा लोगों के इलाज की व्यवस्था की जा रही है, वहीं दूसरी ओर इलाज के लिए आधुनिक उपकरण भी बढ़ाए जा रहे हैं। विभिन्न विभागों में केवल केवल अत्याधुनिक मशीनों और उपकरणों की खरीद के लिए दोनों संस्थानों की ओर से पांच अरब रुपये के प्रस्ताव सरकार को भेजे गए थे।
तीन अरब से संवरेंगे केजीएमयू के यह विभाग
इसमें केजीएमयू द्वारा तीन अरब रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था। इसे शासन ने वित्तीय और प्रशासनिक मंजूरी दे दी है। विशेष सचिव कृतिका शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इस धनराशि से संस्थान के एनाटॉमी, एनेस्थीशिया, बायोकेमिस्ट्री, सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च, क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी एंड रियूमेटोलॉडी, कार्डियोलॉजी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन, कंजरवेटिव डेंटिस्ट्री एंड एंडोडॉन्टिक्स, सीवीटीएस, डर्मेटोलॉजी वनरियोलॉजी एंड लेप्रोसी, ईएनटी, एंडोक्राइन सर्जरी, इमरजेंसी मेडिसिन, फोरेंसिक मेडिसिन एंड टोक्सिकोलॉजी, जनरल सर्जरी, गायनेकोलॉजी ऑन्कोलॉजी, इंस्टीट्यूशनल एनीमल हाउस, मेडिकल, गेस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट, माइक्रोबायलॉजी, मेडिसिन, मेडिकल आंकोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, न्यूक्लियर मेडिसिन, ओएमएफएस, ओरल पैथालॉजी एंड माइक्रोबायलॉजी, ऑप्थेल्मोलॉजी, ऑब्स गायनी, ओरल मेडिसिन एंड रेडियोलॉजी, पीडियाट्रिक एंड प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री, साइकिएट्री, फार्माकोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, पीडियाट्रिक्स, प्रोस्थोडोंटिक्स एंड क्राउन एंड ब्रिजेज, पीसीसीएम, प्लास्टिक सर्जरी, पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेबिलाइजेशन, रेस्पिरेटरी मेडिसिन, रेडियो डायग्नोसिस, रेडियोथेरेपी सहित अन्य विभागों में इलाज के उपकरण बढ़ाए जाएंगे।
एसजीपीजीआई में इन विभागों में बढ़ेंगी सुविधाएं
वहीं एसजीपीजीआई की ओर से दो अरब रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें से पहली किस्त के रूप में 485 लाख रुपये की धनराशि जारी की गई है। इससे हड्डी रोग विभाग, लैबोरेटरी मेडिसिन, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहेबिलिटेशन, माइक्रोबायलॉजी, ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू में मशीनें बढ़ाने के साथ ही अस्पताल के लिए जरूरी अन्य सामान की खरीद की जा सकेगी।