लोकसभा चुनाव: उम्र-रिश्ते और बयानबाजी ने बेटिकट कर दिए तीनों सांसद, नेताओं को दी अनुशासन की सीख
कई दिनों से बरेली-बदायूं और पीलीभीत लोकसभा सीट के टिकट को लेकर सस्पेंस रविवार को खत्म हो गया। होली के पर्व पर भाजपा आलाकमान ने उम्मीदवार का ऐलान किया। उम्र-रिश्ते और बयानबाजी को लेकर चर्चा में...
कई दिनों से बरेली-बदायूं और पीलीभीत लोकसभा सीट के टिकट को लेकर सस्पेंस रविवार को खत्म हो गया। होली के पर्व पर भाजपा आलाकमान ने उम्मीदवार का ऐलान किया। उम्र-रिश्ते और बयानबाजी को लेकर चर्चा में रहे सांसदों ने संगठन ने किनारा कर लिया। बरेली के आठ बार के सांसद संतोष गंगवार का नाम पहली लिस्ट में नहीं था। संतोष गंगवार की उम्र को लेकर सवाल उठ रहे थे। उम्र का हवाला देते हुए संगठन संतोष को टिकट देने से कतरा रहा था। भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल ने इशारों-इशारों में संतोष गंगवार की उम्र को लेकर सवाल उठाए थे। पार्टी हाईकमान ने बहेड़ी विधानसभा से विधायक रह चुके छत्रपाल गंगवार को उम्मीदवार बनाकर साफ संदेश दे दिया।
बदायूं में संघमित्रा मौर्या को अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के बचाव में आना भारी पड़ा। स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम चरित मानस को लेकर कई विवादित बयान दिए थे। संघ मित्रा को बेटिकट कर भाजपा हाईकमान ने द्वंद की स्थिति पर विराम लगा दिया। उनकी जगह दुर्विजय शाक्य को बदायूं से उम्मीदवार बनाया। पीलीभीत में वरुण गांधी की वजह से कई बार भाजपा संगठन असहज हो गया था। भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली पर भी वरुण गांधी ने सवाल उठाए थे। संगठन ने वरुण का टिकट काटकर बाकी नेताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाने की कोशिश की है।