यूपी में पेपर लीक करने वालों पर टूटेगा कहर, उम्रकैद के साथ 1 करोड़ जुर्माना; योगी सरकार लाई नया कानून
UP सरकार ने परीक्षाओं में नकल रोकने और सॉल्वर गैंग की कमर तोड़ने के लिए बेहद सख्त प्रावधानों का विधेयक विस में पेश किया। इसमें पेपरलीक पर उम्रकैद की सजा और 1 Cr रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने परीक्षाओं में नकल रोकने और सॉल्वर गैंग की कमर तोड़ने के लिए बेहद सख्त प्रावधानों का विधेयक सोमवार को विधानसभा में पेश किया। इसमें पेपरलीक करने पर आजीवन कारावास तक की सजा और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक-2024 पास होने के बाद कानून बन जाएगा और पूर्व में कैबिनेट से पास किए गए अध्यादेश की जगह लेगा।
इससे पहले गत 25 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों और पेपर लीक रोकथाम अध्यादेश-2024 को मंजूरी दी गई थी। विधेयक में सार्वजनिक परीक्षा के संचालन में प्रश्नपत्र की तैयारी से लेकर कोडिंग, डीकोडिंग, मुद्रण, संग्रहण, सुरक्षित अभिरक्षा और वितरण, सार्वजनिक परीक्षा का पर्यवेक्षण, उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन, परिणाम की घोषणा और उससे संबंधित अन्य मामले शामिल किए गए हैं।
विधेयक में सार्वजनिक परीक्षा में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड, उत्तर प्रदेश बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण या निकाय या उनके द्वारा नामित संस्थाएं शामिल की गई हैं। इस तरह किसी प्रकार की भर्ती परीक्षाओं, नियमितीकरण या पदोन्नति करने वाली परीक्षाएं, डिग्री-डिप्लोमा, प्रमाणपत्रों या शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाओं पर भी यह लागू होगा। इसके तहत फर्जी प्रश्नपत्र बांटना या फर्जी सेवायोजन वेबसाइट बनाना इत्यादि भी दंडनीय अपराध होगा।
विधेयक में यह प्रावधान किया गया है कि यदि नकल की वजह से परीक्षा प्रभावित होती है तो उस पर आने वाले वित्तीय भार को सॉल्वर गिरोह से वसूलने तथा परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली संस्था तथा सेवा प्रदाताओं को हमेशा के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। इसमें अपराध की दशा में संपत्ति की कुर्की का भी प्रावधान है। सभी अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय एवं अशमनीय बनाए गए हैं। जमानत के संबंध में भी कठोर प्राविधान किए गए हैं।
इतनी सजा का है प्रावधान
विधेयक में सबसे कम दो साल और अधिक से अधिक आजीवन कारावास तक की सजा और दो लाख से लेकर एक करोड़ तक के जुर्माने का प्रावधान है। वैसे सजा तीन वर्ष, सात वर्ष, 10 वर्ष या 14 वर्ष तक की भी हो सकती है। इसी तरह जुर्माना दो लाख, तीन लाख, पांच लाख, 10 लाख, 25 लाख, 50 लाख और एक करोड़ तक लगाया जा सकता है।