बड़ी खबर: 2500 वर्ग किलोमीटर का हुआ LDA का दायरा, लखनऊ में 4 प्रमुख टाउनशिप को हरी झंडी
पूरे शहर का एक समान विकास होगा। आने वाले समय में जिला पंचायत से नक्शे पास नहीं होंगे। इसके लिए LDA के पास जाना होगा। अब बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर अविकसित और अनियोजित प्लॉटिंग नहीं कर पाएंगे।
LDA's Area increased: यूपी की राजधानी लखनऊ के निवासियों के लिए बड़ी खबर है। एलडीए का क्षेत्राधिकार एक हजार किलोमीटर से बढ़कर 2500 वर्ग किलोमीटर हो गया है। पूरे शहर का एक समान विकास होगा। आने वाले समय में जिला पंचायत से नक्शे पास नहीं होंगे। इसके लिए एलडीए के पास जाना होगा। अब बिल्डर और प्रॉपर्टी डीलर अविकसित और अनियोजित प्लॉटिंग नहीं कर पाएंगे। राजधानी में चार नई टाउनशिप परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
एक दिन पहले हुई बोर्ड बैठक में छावनी और लीडा को छोड़कर पूरा लखनऊ जिला एलडीए के परिक्षेत्र में लाने का प्रस्ताव पास हुआ है। बोर्ड से इसे मंजूरी मिल चुकी है। शहर के आठों ब्लॉक सरोजनीनगर, मलिहाबाद, काकोरी, बीकेटी, गोसाईंगंज, मोहनलालगंज और माल एलडीए के दायरे में आ जाएंगे। चिनहट ब्लॉक पहले से एलडीए की सीमा में है। ऐसे में जिला पंचायत नक्शा पास करने से लेकर अन्य विकास संबंधित मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर पाएगा।
लोगों को मिलेगा रोजगार, सुनियोजित विकास
एलडीए उपाध्यक्ष इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि इससे ग्रामीण इलाकों के लोगों को काफी राहत मिलेगी। जिले का सुनियोजित विकास होगा। मौजूदा समय प्रॉपर्टी डीलर और बिल्डर जिला पंचायत से नक्शे पास करवाने के बाद मनमाने तरीके से कालोनी विकसित कर भाग जा रहे हैं। अक्सर ऐसी कॉलोनियों से जलभराव, खराब सड़क, सीवर और बिजली सप्लाई की समस्या सामने आती हैं। अब एलडीए के दायरे में आ जाने के बाद बड़ी परियोजनाएं आएंगी। इससे ग्रामीण इलाकों में रहने वालों को घर के पास रोजगार मिलेगा। परियोजनाएं विकसित होंगी तो कई तरह के रोजगार का सृजन होगा। एलडीए उपाध्यक्ष के अनुसार प्राधिकरण का दायरा बढ़ने से ग्रामीण इलाकों को लाभ ही मिलेगा। बदले में उनको कुछ नहीं देना होगा।
आगे की क्या है प्रक्रिया
जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी ज्योति दीक्षित ने कहा कि अभी इसमें लंबी प्रक्रिया है। एलडीए ने बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास किया है। अभी यह शासन में जाएगा। उसके बाद अधिसूचना जारी होगी। एलडीए का दायरा बढ़ता है तो उसकी सीमा में वे सभी गांव आएंगे, जो अभी जिला पंचायत में आते हैं।