पीयूष जैन: 197 करोड़ की काली कमाई का 'फूफा जी' कोडवर्ड; समझें GST चोरी का पूरा खेल
पीयूष जैन से बरामद 197 करोड़ रुपए में जीएसटी चोरी का खेल बेहद संगठित और सुनियोजित रूप से फलफूल रहा था। जीएसटी चोरी के पूरे धंधे का कोडवर्ड था- फूफाजी। डीजीजीआई की टीम ने जीएसटी चोरी के इस कोडवर्ड खोज...
पीयूष जैन से बरामद 197 करोड़ रुपए में जीएसटी चोरी का खेल बेहद संगठित और सुनियोजित रूप से फलफूल रहा था। जीएसटी चोरी के पूरे धंधे का कोडवर्ड था- फूफाजी। डीजीजीआई की टीम ने जीएसटी चोरी के इस कोडवर्ड खोज निकाला। फूफाजी कोडवर्ड से तैयार 12 फर्जी ई-वे बिल उसके घर और 10 कन्नौज फैक्ट्री से बरामद हुए हैं। फोरेंसिक जांच में इसका भंडाफोड़ हुआ। डमी फर्मों के नाम फर्जी ई-वे बिल भेजे जाते थे।
गणपति रोड करियर्स के निदेशक प्रवीण जैन और उसके पुत्र रजत जैन के जरिए फर्जी ई-वे बिल बनाकर पीयूष जैन को भेजे जाते थे। रजत जैन के कर्मचारी राजेश राय के ईमेल के जरिए फूफा जी के नाम से बिल भेजा जाता था। गणपति ट्रांसपोर्ट के फर्जी बिल पर ही माल भेजा जाता था। इसमे खरीदने और बेचने वाले का नाम फर्जी होता था। इसकी पुष्टि 29 दिसंबर 2021 को रजत जैन के बयान से हुई है। डीजीजीआई के विशेष लोक अभियोजक अम्बरीश टंडन ने बताया कि कोडवर्ड के जरिए ट्रांसपोर्ट कंपनी फर्जी बिल बनाकर पीयूष जैन को देती थी। उससे टैक्स चोरी करके माल बेचा जाता था।
फोरेंसिक जांच में हुआ खुलासा : पीयूष जैन की ओडोकैम इंडस्ट्री जैन स्ट्रीट कन्नौज से बरामद हार्डडिस्क और कार्यालय से बरामद 10 बिलों की जांच डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने नेशनल फारेंसिक साइंस यूनिर्विसटी गांधी नगर गुजरात से 27 जनवरी 2022 को कराई। फारेंसिक जांच में हार्डडिस्क में फूफाजी बिल में मिले 12 और फर्म के कार्यालय से बरामद 10 बिल बिल्कुल एक जैसे ही थी।
हर 20 टन माल में से केवल छह टन पर ही टैक्स
फर्जी इनवाइस के जरिए शातिर लगातार टैक्स चोरी कर रहे थे। इसका खुलासा प्रवीण जैन से 12 जनवरी 2022 को हुई पूछताछ में हुआ है। हर महीने भेजे जाने वाले 20 टन माल में सिर्फ पांच से छह टन ही दिखाया जाता था। बाकी गुप्त रूप से फर्जी इनवाइस के जरिए बेचा जाता था।