Notification Icon
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Kakhahra of culture will be taught in schools of UP 6 to 12th classes to include in Course

यूपी के स्कूलों में पढ़ाया जाएगा संस्कृति का ककहरा, इन क्लासों में होगा कोर्स

यूपी के बच्चों को संस्कृति का ककहरा पढ़ाएंगे। कक्षा 6 से 12वीं तक पाठयक्रम में विषय होगा। स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर संस्कृति व कला के पाठ्यक्रम भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा संचालित होंगे।

Srishti Kunj संतोष वाल्मीकि, लखनऊFri, 21 June 2024 01:31 AM
share Share

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब स्कूली बच्चों को संस्कृति का ककहरा भी सिखाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के निर्देशन में तैयार की गयी उत्तर प्रदेश की नयी सांस्कृतिक नीति में कक्षा छह से कक्षा 12वीं तक के पाठ्यक्रम में संस्कृति को भी एक विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। इसके बाद स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर संस्कृति व कला के पाठ्यक्रम भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा संचालित किये जाएंगे। प्रदेश के संस्कृति विभाग ने इस नयी सांस्कृतिक नीति का फाईनल ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद एक कमेटी गठित होगी जो पाठ्यक्रम में संस्कृति को बतौर एक विषय शामिल करने की संस्तुति करेगी। 

बनेगी जनपदीय सांस्कृतिक इकाई
हर जिले में जिला स्तर पर जनपदीय सांस्कृतिक इकाई बनेगी जिसके तहत प्रत्येक जिले में संस्कृति विभाग का एक प्रेक्षागृह, जनपदीय संग्रहालय और सर्वकला महाविद्यालय स्थापित होंगे। यह महाविद्यालय भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय से सम्बद्ध रहेंगे। गुरु-शिष्य परम्परा के तहत कार्यशालाएं आयोजित होंगी, अभिरुचि पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री कला संस्कृति राष्ट्रीय पुरस्कार योजना  
इस नीति में मुख्यमंत्री कला संस्कृति राष्ट्रीय पुरस्कार योजना का भी प्रावधान किया गया है। अलग-अलग श्रेणियों में कला व संस्कृति के उन्नयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर यह पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे। 

 उ.प्र.कलाकार मैनेजमेंट सिस्टम
इस नीति में उत्तर प्रदेश कलाकार मैनेजमेंट सिस्टम का भी प्रावधान किया गया है जिसमें एक ही विण्डो के जिरये कलाकारों को पेंशन, आर्थिक सहायता,उनका पंजीकरण आदि की व्यवस्था रहेगी।

कलाकारों का बीमा भी होगा
नीति के जरिये प्रदेश के सांस्कृतिक इतिहास में पहली दफा राज्य के कलाकारों का बीमा भी करवाया जाएगा।  कुल 58 उद्देश्यों को लेकर बनायी गयी इस नयी सांस्कृतिक नीति में विकास, रोजगार, प्रशिक्षण और संरक्षण पर जोर दिया गया है। सर्वे और डाक्यूमेंटेशन के लिए डिजिटल तकनीक अपनायी जाएगी। इस नीति के तहत इनसाइक्लोपीडिया आफ कल्चर आफ उत्तर प्रदेश भी तैयार होगी। 

संस्कृति निदेशक हैं ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष
संस्कृति विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस नयी सांस्कृतिक नीति की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष संस्कृति निदेशक शिशिर हैं, जबकि कमेटी के सचिव संस्कृति निदेशालय के डा.राजेश अहिरवार हैं। इन दोनों अधिकारियों की देखरेख में इस नीति के मसौदे को तैयार करने में कमेटी के सदस्यों विद्यांत हिन्दू कालेज लखनऊ की प्रोफेसर नीतू सिंह, महाराजा गंगा सिंह वि.वि. के कुलपति प्रो.मनोज दीक्षित, राष्ट्रीय माडर्न आर्ट आफ गैलरी के महानिदेशक, प्रदेश के लोक व जनजातीय निदेशालय के अधिकारी, भातखंडे संस्कृति वि.वि. की प्रो.सृष्टि ठाकुर आदि शामिल रहे। 

यूपी संस्कृति निदेशक, शिशिर ने कहा कि हमने नयी सांस्कृतिक नीति का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है मगर अभी इसे कैबिनेट की मंजूरी मिलना बाकी है। कैबिनेट जिस रूप में इसे स्वीकार करेगी उसी के अनुरूप इसे लागू किया जाएगा।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें