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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Jayant chaudhary got four times benefit by joining nda rld s days changed in a few months

जयंत चौधरी को NDA में आकर हुआ चार गुना फायदा, चंद महीनों में बदल गए RLD के दिन

केंद्र में मंत्री बनने के साथ ही जयंत चौधरी को चौगुना लाभ पूरा हुआ। चौ.चरण सिंह को भारत रत्न से लेकर अब जयंत चौधरी के केन्द्रीय मंत्री बनने का सफर NDA में शामिल होने के चंद महीनों में ही पूरा हुआ। 

Ajay Singh राकेश प्रियदर्शी, मेरठSun, 9 June 2024 11:54 PM
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Jayant Chaudhary: वर्ष 2024 का साल रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी के लिए अत्यंत ही शुभ रहा। 15 साल बाद एनडीए में रालोद की वापसी के साथ ही जयंत चौधरी और उनकी पार्टी के दिन बदलने लगे थे। आज केंद्र में मंत्री बनने के साथ ही जयंत चौधरी को चौगुना लाभ पूरा हुआ। चौ.चरण सिंह को भारत रत्न से लेकर अब जयंत चौधरी के केन्द्रीय मंत्री बनने का सफर एनडीए में शामिल होने के चंद महीनों में ही पूरा हुआ। 

15 साल पूर्व भी रालोद एनडीए का ही हिस्सा रहा था। 2009 का लोकसभा चुनाव रालोद ने एनडीए में रहकर ही लड़ा था। उस समय पार्टी ने सात सीटों पर चुनाव लड़कर पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन एनडीए को बहुमत नहीं मिला था। तब रालोद के तत्कालीन अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह एनडीए के साथ चुनाव लड़कर यूपीए में शामिल हो गए थे।  वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में रालोद का खाता भी नहीं खुला। इसके बाद 2024 में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी एनडीए में शामिल हुए। एनडीए में शामिल होने के बाद रालोद सबसे पहले प्रदेश सरकार में शामिल हुआ। फिर साथ में लोकसभा चुनाव लड़ा।

पहला लाभ: चौ.चरण सिंह को मिला भारत रत्न
रालोद के एनडीए में शामिल होने का पहला लाभ रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को यह हुआ कि उनके दादा पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा हुई। लंबे समय से चल रही चौ.चरण सिंह को देश का सर्वोच्च सम्मान देने मांग उनके एनडीए में शामिल होते ही हो गई। इस घोषणा के बाद से ही जयंत चौधरी का दिल एनडीए के लिए बाग-बाग हो उठा। बड़े चौधरी का यह सम्मान पश्चिम उत्तर प्रदेश के लिए पहला भारत रत्न सम्मान था।

दूसरा लाभ: प्रदेश सरकार में रालोद की हुई एंट्री
रालोद के लिए एनडीए में आने का दूसरा बड़ा लाभ प्रदेश की योगी सरकार में पार्टी की एंट्री हुई। वर्षों से सत्ता से रालोद दूर चल रही थी। प्रदेश सरकार के कैबिनेट में तो करीब तीन दशक बाद रालोद को जगह मिली। रालोद के कोटे से मुजफ्फरनगर के पुरकाजी सुरक्षित सीट से विधायक अनिल कुमार को मंत्री बनाया गया। रालोद ने दलितों को साधने के लिए अनिल कुमार का नाम आगे किया। 

तीसरा लाभ: बागपत, बिजनौर सीट पर मिली जीत
रालोद को एनडीए में आने का तीसरा लाभ यह हुआ कि 2009 के बाद एक बार फिर पार्टी ने बागपत और बिजनौर सीट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की। बागपत के रूप में  चौधरी परिवार की पुरानी सीट रालोद के खाते में आ गई। इसी तरह 2009 से दूसरी पार्टियों के खाते में जा रही बिजनौर सीट पर भी रालोद की जीत हुई। 15 साल बाद लोकसभा में रालोद के दो सांसद बागपत से डा.राजकुमार सांगवान और बिजनौर से चंदन चौहान लोकसभा पहुंच गए।

चौथा लाभ: जयंत खुद बने मंत्री
एनडीए में शामिल होने का सबसे बड़ा लाभ जयंत चौधरी को यह हुआ कि अब वे खुद केन्द्र सरकार में मंत्री बन गए हैं। करीब 13 साल बाद केन्द्रीय कैबिनेट में रालोद की एंट्री हुई। 13 साल पूर्व 18 दिसंबर 2011 को यूपीए सरकार में रालोद के तत्कालीन अध्यक्ष चौ.अजित सिंह मंत्री बने थे। वे 2014 तक मंत्री रहे। तब से रालोद केन्द्र की सत्ता से दूर थी। अब एनडीए की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार में जयंत चौधरी के मंत्री बनने से केन्द्र की सत्ता में पार्टी की वापसी हुई है। 

...इसलिए जयंत ने नहीं लड़ा था लोकसभा चुनाव
अब यह माना जा रहा है कि रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी इसी कारण से लोकसभा का चुनाव खुद न लड़कर पार्टी के निष्ठावान नेताओं को लड़ाया। खुद लोकसभा चुनाव लड़ते तो जीत के बाद राज्यसभा की सीट छोड़ने पड़ती। फिर राज्यसभा के लिए अलग से चुनाव होता। अब वे आसानी से राज्यसभा सदस्य होने के नाते केन्द्र सरकार में मंत्री भी बन गए, साथ ही लोकसभा में रालोद के दो सांसद भी हो गए।

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