Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Income tax raid Bareilly crackdown on five builders including Ramesh Gangwar evidence embezzlement more than 500 crore rupees found

बरेली में आयकर का छापा, रमेश गंगवार सहित पांच बिल्डरों पर शिकंजा, 500 करोड़ से अधिक के मिले हेराफेरी के सबूत

रियल स्टेट के कारोबारी और ठेकेदार रमेश गंगवार के यहां बुधवार से जारी आयकर छापेमारी में पांच बिल्डरों के नाम सामने आए हैं। आयकर की टीम ने सभी के घरों और दफ्तरों में छापेमारी कर अहम दस्तावेज मिले हैं।

मुख्य संवाददाता बरेलीFri, 5 April 2024 11:12 PM
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रियल स्टेट के कारोबारी और ठेकेदार रमेश गंगवार के यहां बुधवार से जारी आयकर छापेमारी में पांच बिल्डरों के नाम सामने आए हैं। शुक्रवार को आयकर की टीम ने सभी के घरों और दफ्तरों में छापेमारी कर अहम दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं। रमेश गंगवार के टयूलिप ग्रांड के फ्लैट में बोरों में मिले रजिस्ट्री और एग्रीमेंट के दस्तावेजों ने जांच का रुख शहर के बड़े बिल्डरों की ओर मोड़ दिया है। गुरुवार रात से लेकर शुक्रवार दोपहर और शाम तक आयकर की टीमें बिल्डर हरप्रीत सिंह रिंकू से पूछताछ करती रही। उनके मोबाइल जब्त कर, बाहर आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। दरअसल, बुधवार दोपहर के बाद से लखनऊ की टीम जब ठेकेदार रमेश गंगवार और उनके पार्टनर और एकाउंटेंट भानू गंगवार के घरों पर जांच पड़ताल कर रही थी तो वहां से उन्हें कुछ ऐसे दस्तावेज हाथ लगे जो प्रापर्टी डीलर सुनील सिंह से सबंधित थे। इसके बाद टीम सुनील सिंह के घर पहुंची। वहां पड़ताल में सुनील सिंह के घर और बैंक खाते से विवेक भारती का कनेक्शन निकला।

गुरुवार को टीम विवेक भारती के स्टेडियम रोड स्थित रेजिडेंसी गार्डन वाले घर पहुंची। वहां उनसे पूछताछ की गई। इसके बाद विवेक भारती को बैंक ले जाकर उनके खाते चेक किए गए, जिनसे करोड़ों के रकम की लेनदेन का मामला सामने आया। 
सूत्रों के मुताबिक विवेक भारती के जरिए टीम हरप्रीत सिंह रिंकू तक पहुंची। इसके बाद गुरुप्रीत और एलायंस बिल्डर्स की भी सूची तैयार की गई है। दस्तावेजों में कई प्रापर्टी में एलायंस बिल्डर की पार्टनरशिप सामने आई है। इनकम टैक्स के एक अधिकारी ने हरप्रीत रिंकू से सहयोग करने और प्रापर्टी बैंक खातों के बारे में सही जानकारी देने के लिए कहा है। एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि सैकड़ों करोड़ के दस्तावेज उनके हाथ लगेंगे।

रमेश गंगवार को कैंप ऑफिस बनाकर की गई छानबीन

शुक्रवार को दस्तावेजों की पड़ताल के बाद आयकर की टीम प्रियदर्शिनी नगर स्थिति एक बड़े प्रॉपर्टी डीलर सुनील सिंह के घर पर गुरुवार को ही पहुंच गई थी। उनके घर से करोड़ों का कैश, जवैलरी और ठेकेदार रमेश गंगवार व भानू गंगवार से लेनदेन के सबूत मिले थे। शुक्रवार को सुनील सिंह और भानू गंगवार के घरों से जांच पड़ताल कर इनकम टैक्स की टीमें चली गईं। लेकिन टयूलिप ग्रांड स्थित फ्लैट, अर्बन कोआपरेटिव बैंक के सामने सत्य साईं बिल्डर रमेश गंगवार के आफिस को कैंप बनाकर जांच पड़ताल जारी रही। माडल टाउन के रहने वाले बिल्डर हरप्रीत रिंकू को पहले टीम ने जांच के लिए टयूलिप ग्रांड बुलाया। बाद में उनके स्टेडियम रोड स्थित आफिस में भी घंटों पूछताछ की गई है। टयूलिप ग्रांड के फ्लैट में सबसे ज्यादा दस्तावेज हरप्रीत सिंह रिंकू, गुरप्रीत सिंह बॉबी, एलायंस बिल्डर के मिले हैं। इनकम टैक्स की टीम ने सभी बिल्डरों की सूची तैयार की है।

इनकम टैक्स कमिश्नर ने ली जानकारी, रिपोर्ट तैयार

ठेकेदार रमेश गंगवार, भानू और सुनील सिंह की जांच रिपोर्ट तैयार हो गई है। प्राथमिक रिपोर्ट में लखनऊ, कानपुर और प्रयागराज की इनकम टैक्स की टीमों के अफसरों ने अपने दस्तखत किए हैं। इसके अलावा बरेली जोन के इनकम टैक्स कमिश्नर भी रमेश गंगवार के शुक्रवार दोपहर को रमेश गंगवार के आफिस पहुंचे। उन्होंने टीमों से बातचीत कर जायजा लिया। इसके बाद इस पूरे मामले की रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई है। इनकम टैक्स की टीमों ने रमेश गंगवार का आफिस छोड़ दिया है। शुक्रवार शाम को जांच करने वाली टीमों ने शहर के बिल्डरों पर अपना फोकस किया है। इनकम टैक्स के रेडार पर शहर के कई और बिल्डर भी हैं। उनके नाम की सूची तैयार की गई है, लेकिन वह मोबाइल बंद कर फरार हो गए हैं। कुछ बिल्डरों ने तो बरेली छोड़ दिया है। 

जीएसटी टीम ने पकड़ी 1.25 करोड़ की टैक्स हेराफेरी

वाणिज्य कर विभाग की टीम ने शुक्रवार को बिहारी में एक गल्ला व्यापारी के यहां जांच कर 1.25 करोड़ रुपये की जीएसटी हेराफरी पकड़ी है। कागजों की जांच की बाद टीम ने व्यापारी से 31 लाख रुपये जमा कराए। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन ओपी चौबे ने बताया कि उनकी टीम लगातार ऑनलाइन डेटा एनालिसिस कर रही है। इसी क्रम में टीम को पता चला कि सिविल लाइंस बिहारीपुर स्थित शिव शक्ति ट्रेडर्स प्रतिष्ठान में जीएसटी रिटर्न उम्मीद से कम आ रहा है तो वहां सर्वे के लिए एक टीम बनाई गई। इसके तहत शुक्रवार को एसआईटी की टीम प्रतिष्ठान पर पहुंची। वहां छानबीन में पता चला कि शिव शक्ति ट्रेडर्स ने करदेयता से बचने के लिए बोगस फर्मों के माध्यम से करीब 1.25 करोड़ रुपये का फर्जी आईटीसी क्लेम किया है। इसके साथ ही व्यापारी ने करदेयता में उसे समायोजित करते हुए विभाग टैक्स भी नहीं जमा किया। साथ ही व्यापारी ने पिछले दा साल में कुल 28 करोड़ की बिक्री दिखाते हुए आईटीसी पास ऑन की थी। पड़ताल के बाद व्यापारी ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए मौके पर 31 लाख रुपये जमा कराए। एडिशनल कमिश्नर का कहना है कि कागजों की छानबीन पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। 

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