लखनऊ में प्लाट या मकान की प्लानिंग कर रहे हैं तो पढ़ें यह खबर, मास्टर प्लान में होने जा रहा बदलाव
राजधानी लखनऊ के मास्टर प्लान में फिर कुछ बदलाव किया जाएगा। प्राधिकरण की नयी प्रस्तावित कालोनियों का भू-उपयोग जहां आवासीय किया जाएगा वहीं नए आउटर रिंग रोड के एलांनमेंट में भी बदलाव होगा। पूरे...
राजधानी लखनऊ के मास्टर प्लान में फिर कुछ बदलाव किया जाएगा। प्राधिकरण की नयी प्रस्तावित कालोनियों का भू-उपयोग जहां आवासीय किया जाएगा वहीं नए आउटर रिंग रोड के एलांनमेंट में भी बदलाव होगा। पूरे मास्टर प्लान को डिजिटल किया जाएगा। इसके लिए मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने काम शुरू कर दिया है।
लखनऊ के मास्टर प्लान को डिजिटल किया जाएगा। ताकि यह आसानी से लोगों की पहुंच में आ सके। डिजिटलाइजेशन के साथ साथ इसमें कुछ बदलाव की भी कवायद शुरू की गई है। नए आउटर रिंग रोड में भी बड़ा बदलाव किया जा रहा है। आबादी व कुछ स्थानों पर जमीन न मिल पाने की वजह से इसके एलाइंमेट को बदला जा रहा है। इसी के चलते एलडीए मास्टर प्लान में भी इसके स्थान को परिवर्तित कर रहा है। इसी तरह एलडीए नयी आवासीय योजनाएं भी ला रहा है। सुल्तानपुर रोड व सीतापुर रोड पर योजनाएं प्रस्तावित की हैं। सुल्तानपुर रोड पर करीब 2500 एकड़ में टाउनशिप की योजना है। इसके कुछ हिस्से का भू-उपयोग अभी आवासीय नहीं है। उसे आवासीय किया जाएगा।
डिजिटल होने से घर बैठे लोग देख सकेंगे मास्टर प्लान
मास्टर प्लान के डिजिटल होने से वर्ष 2021 से लोग इसे घर बैठे देख सकेंगे। जमीन, प्लाट, मकान खरीदने वाले लोग यह जान सकेंगे कि बिल्डर ने उनका मकान किस भू-उपयोग में बनाया है। पहली डिजिटनाइजेशन के साथ एक एक जमीन के खसरे का विवरण भी दिया जा रहा है। इससे लोग प्रापर्टी डीलरों-बिल्डरों की ठगी से भी बच सकेंगे। अभी प्रापर्टी डीलर व बिल्डर ग्रीन वेल्ट, औद्योगिक, पार्क तथा सुविधाओं के लिए चिन्हित जमीन पर प्लाटिंग कर बेच देते हैं। जिससे इसमें प्लाट मकान खरीदने वालों को बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ग्रीन वेल्ट व पार्क की जमीन पर बने निर्माणों को एलडीए तोड़ देता है। डिजिटलाइजेशन से लोग खुद भू-उपयोग के बारे में न सिर्फ जानकारी कर सकेंगे बल्कि ठगी से भी बच सकेंगे।
मुख्य नगर नियोजक ने डीएम कार्यालय से मांगा सजरा प्लान
मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने जिलाधिकारी कार्यालय से राजधानी के सभी गांवों की जमीनों का सजरा प्लान भी मांगा है। इस सजरा प्लान को डिजिटलाइजेशन के साथ मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। इससे किसी भी खसरें के भू-उपयोग की जानकारी आसानी से मिल जाएगी। लोगों को एलडीए व मुख्य नगर नियोजक कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
मास्टर प्लान का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। मुख्य नगर एंव ग्राम नियोजन विभाग इसे कर रहा है। इस साल के अंत तक डिजिटलाइजेशन का काम पूरा होने की उम्मीद है।
नितिन मित्तल, मुख्य नगर नियोजक, एलडीए
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