Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़If Piyush Jain is granted bail he will run away from the country what else was said in the 43-page objection of DGGI

पीयूष जैन को जमानत दी तो देश से भाग जाएगा, DGGI के 43 पन्ने की आपत्ति में और क्या कहा गया

कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। पीयूष जैन की जमानत अर्जी पर डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने कोर्ट में 43 पन्ने की आपत्ति दाखिल की है जिस पर अब 22 अप्रैल को बहस होगी।

Deep Pandey हिन्दुस्तान, कन्नौजTue, 19 April 2022 05:39 AM
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आनंदपुरी और कन्नौज से बरामद 197 करोड़ रुपये में इत्र कारोबारी पीयूष जैन की जमानत अर्जी पर आपत्ति दर्ज की गई है। डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने 43 पन्ने की आपत्ति जिला जज मयंक जैन की कोर्ट में दाखिल की है। डीजीजीआई के मुताबिक पीयूष जैन बिना पासपोर्ट के नेपाल के रास्ते विदेश भाग सकता है। जेल में लगातार उनके स्वास्थ्य की मानीटरिंग हो रही है। इसलिए उसको जमानत कतई न दी जाए। अब जमानत पर बहस 22 अप्रैल का होगी।

197 करोड़ रुपये बरामदगी के मामले में पीयूष जैन ने पासपोर्ट न होने की वजह से विदेश न भागने, पेनॉल्टी जमा करने और खराब तबियत का हवाला देकर जिला जज की कोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी। जिसे पूरी तरह से डीजीजीआई की टीम ने आपत्ति दाखिल करके खारिज  कर दिया है। विशेष लोक अभियोजक अम्बरीश टंडन ने बताया कि कोर्ट के समक्ष आपत्ति में जमानत का विरोध किया गया है। इसमे कहा गया कि अगर उसको जमानत दी गई तो वह नेपाल के रास्ते बिना पासपोर्ट के देश के बाहर भाग सकता है। फिर उसे पकड़ पाना मुश्किल होगा।  खराब तबियत पर कहा गया कि लगातार मेडिकल की टीमें व विशेषज्ञ डाक्टर उनकी निगरानी कर रहे। इसलिए जमानत न दी जाए।  अब अगली सुनवाई में जमानत पर बहस होगी।

भाई नहीं कर रहा सहयोग, 10 समन दिए गए 
डीजीजीआई ने आपत्ति में कहा कि पीयूष जैन के सहयोगी में पूरी भूमिका उसके भाई अम्बरीश कुमार जैन की भी है। वह ओडोकैम इंडस्ट्रीज कन्नौज की कंपनी में पार्टनर है।  फिर भी जांच में सहयोग नहीं कर रहे है। 27 दिसंबर से 28 फरवरी तक उनको 10 समन दिए गए है। फिर भी वह  हाजिर नहीं हो रहे है। इसलिए उनसे पूछताछ व जानकारी नहीं ली जा सकी है। जबकि अवैध तरीके से पैसा अर्जित और टैक्स चोरी में अम्बरीश की पूरी भूमिका है।

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