Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़if a disabled person is unable to earn a living then he is entitled to family pension important order of the high court

दिव्यांग जीविका चलाने में असमर्थ तो फैमिली पेंशन का हकदार, हाईकोर्ट का अहम आदेश 

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि इस आधार पर पेंशन देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि याची कभी पीसीओ चलाता था तो वह जीविका चला सकने में समर्थ है। याची को एक महीने में पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया है।

Ajay Singh विधि संवाददाता, प्रयागराजSun, 28 July 2024 08:01 AM
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Family Pension: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि सीएमओ के यहां से जारी 60 प्रतिशत दिव्यांगता के प्रमाणपत्र पर इस कारण अविश्वास नहीं किया जा सकता कि चार डॉक्टरों की टीम में कोई आर्थोपेडिक्स विषेशज्ञ नहीं था। कोर्ट ने कहा कि यह आरोप नहीं है कि प्रमाणपत्र कोई धोखाधड़ी की गई है तो कमेटी में विशेषज्ञ डॉक्टर के न होने से सीएमओ की रिपोर्ट को अस्वीकार नहीं किया जा सकता।

हाईकोर्ट ने यह आदेश मोहम्मद जमील की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। इसी के साथ कोर्ट ने दिव्यांग याची को पारिवारिक पेंशन देने से इनकार करने के सीनियर एकाउंट अफसर पेंशन कानपुर इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कंपनी के आदेश को रद्द कर दिया है और याची को एक महीने में पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने यह भी कहा कि इस आधार पर पेंशन देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि याची कभी पीसीओ चलाता था तो वह जीविका चला सकने में समर्थ है। कोर्ट ने कहा कि शासनादेश में आश्रित दिव्यांग पुत्र व पुत्री को पारिवारिक पेंशन पाने का हकदार माना गया है और सीएमओ की रिपोर्ट में याची 60 प्रतिशत अक्षम माना गया है। ऐसे में कभी पीसीओ संचालक होने के उसे कारण पेंशन देने से इनकार नहीं किया जा सकता।

याची के पिता कानपुर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी से रिटायर हुए। उन्हें पेंशन मिल रही थी। उनकी मृत्यु के बाद याची की मां को पारिवारिक पेंशन मिलती थी। मां की मृत्यु के बाद आश्रित दिव्यांग याची ने पारिवारिक पेंशन की मांग की। याची से दिव्यांगता प्रमाणपत्र मांगा गया। एक कमेटी गठित की गई। कमेटी ने याची के कभी पीसीओ संचालक होने और डॉक्टरों की टीम में आर्थोपेडिक्स विषेशज्ञ न होने के आधार पर अर्जी निरस्त कर दी। इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि नियमानुसार दिव्यांग जीविका चलाने में असमर्थ हैं तो उसे पारिवारिक पेंशन पाने का अधिकार है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने याची को पारिवारिक पेंशन देने का निर्देश दिया है।
 

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