यूपी में 300 वर्ग मीटर से बड़े मकानों का होगा सर्वे, जानें वजह
आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरण की योजनाओं में 300 वर्ग मीटर से बड़े बने भवनों का सर्वे कराया जाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि नक्शे के अनुरूप मकान बने हैं या नहीं।
आवास विकास परिषद और विकास प्राधिकरण की योजनाओं में 300 वर्ग मीटर से बड़े बने भवनों का सर्वे कराया जाएगा। इसमें यह देखा जाएगा कि नक्शे के अनुरूप मकान बने हैं या नहीं। इनमें रेन वाटर हार्वेस्टिंग संबंधी व्यवस्थाएं की जा रही हैं या नहीं। शासन स्तर पर विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद की योजनाओं में दी जाने वाली सुविधाओं और मानक के अनुसार होने वाले निर्माण को लेकर हुई बैठक में यह निर्देश दिया गया है। प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने निर्देश दिया है कि विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में पिछले पांच सालों में 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल के भवनों के स्वीकृत किए गए मानचित्रों की सूची तैयार की जाएगी। इसमें क्षेत्रवार भवनों का सर्वेक्षण सहायक व अवर अभियंताओं द्वारा कराया जाएगा।
निरीक्षण में यह देखा जाएगा कि भवन निर्माण उपविधि के अनुरूप भवन स्वामियों ने निर्माण कराया है और उसमें रेनवाटर हार्वेस्टिंग से संबंधित व्यवस्थाएं की है या नहीं। इन भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था क्रियाशील नहीं है तो इनके मालिकों को नोटिस दिया जाएगा। इसमें तय अवधि के अंदर इसे पूरा कराने का निर्देश दिया जाएगा। भवन स्वीकृत मानचित्र के विपरीत बना है तो ऐसे लोगों को भी नोटिस दिया जाएगा। इसके लिए क्षेत्र के जिम्मेदार अभियंताओं की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी और उनसे जवाब-तलब किया जाएगा कि इसकी अनदेखी क्यों की गई।
इसके साथ ही विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद विशेष अभियान चलाकर सभी क्षेत्रों में आने वाले पार्कों में बने रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थिति की जानकारी लेंगे। जो भी क्रियाशील नहीं होंगे उसे चलवाने की व्यवस्था की जाएगी। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और आवास आयुक्त इसकी रिपोर्ट आवास बंधु के माध्यम से शासन को उपलब्ध कराएंगे।