प्रॉपर्टी डीलिंग करने वाले वकीलों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, यूपी सरकार को दिए कार्रवाई के निर्देश
प्रॉपर्टी डीलिंग करने वाले वकीलों पर लखनऊ हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने इसको लेकर यूपी सरकार को कार्रवाई का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कुछ वकीलों के विरुद्ध याचिकाओं का...
प्रॉपर्टी डीलिंग करने वाले वकीलों पर लखनऊ हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हाईकोर्ट लखनऊ बेंच ने इसको लेकर यूपी सरकार को कार्रवाई का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कुछ वकीलों के विरुद्ध याचिकाओं का हवाला देते हुए कहा कि सभी शिकायतें वकीलों के वेश में जमीनों पर कब्जे, संपत्तियों के लिए धमकियां देने वाले प्रॉपर्टी डीलर्स के विरुद्ध हैं, उनके विरुद्ध सरकार सख्त कार्रवाई करे। आयकर विभाग को भी आदेश दिया कि ऐसे प्रॉपर्टी डीलर वकीलों के संबंध में रिपोर्ट पेश करें। न्यायालय ने मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी पक्षकार बनाने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा, न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने अनिल खन्ना समेत वकीलों के विरुद्ध चल रही 11 याचिकाओं पर साथ सुनवाई करते हुए पारित किया। न्यायालय ने कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (टीडीएस), लखनऊ को भी आदेशित किया है कि वह भी ऐसे प्रॉपर्टी डीलर वकीलों के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा कि समस्या की जड़ में प्रॉपर्टी डीलिंग ही है जिसकी वजह से आम नागरिकों को हिंसा का सामना करना पड़ता है।
जिला जज, सीबीआई, जेसीपी, सीबीसीआईडी और एसटीएफ से मांगी रिपोर्ट
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि वकीलों के विरुद्ध दर्ज कुछ मामलों की जांच सीबीआई, सीबीसीआईडी, एसटीएफ को दी गई थी। इस पर कोर्ट ने इन एजेंसियों, जनपद न्यायाधीश, लखनऊ और संयुक्त पुलिस आयुक्त से भी इन मामलों के स्टेटस रिपोर्ट तलब की है। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए दो जनवरी की तिथि तय की है।
कमिश्नर की दलील : स्पेशल गठित बनी
अदालत के आदेश पर हाजिर पुलिस आयुक्त, लखनऊ एसबी शिरडकर ने कोर्ट को बताया कि आम लोगों की जमीनों पर कब्जा करने वाले कथित वकीलों पर तत्काल, प्रभावी कार्रवाई के लिए पुलिस ने स्पेशल सेल बनाया गया है। उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) इस सेल के इंचार्ज हैं। कोर्ट ने वकीलों पर दर्ज मामलों में पुलिस कार्रवाई का ब्यौरा अगली सुनवाई तक शपथ पत्र के जरिए दाखिल करने का आदेश दिया है।
बार काउंसिल का दावा : 29 वकीलों पर कार्रवाई हुई
बार काउंसिल ऑफ यूपी की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 2011 से 2021 के बीच 29 वकीलों पर कार्रवाई कर लाइसेंस निलंबित किया गया है, हालांकि ऐसे निर्णय बार काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष अपील के अधीन होते हैं। इस बात पर कोर्ट ने कहा कि इन याचिकाओं में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भी पक्षकार बनाना चाहिए, ताकि इन कथित वकीलों और उनकी सामाजिक गतिविधियों का वह भी संज्ञान ले और इस मामले में उनकी सलाह भी ली जा सके।