Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Gyanvapi Vishwanath Temple Trust reaches court to repair basement demands ban on namazis

ज्ञानवापी तहखाने में छत से टूटकर मूर्तियों के बगल में गिरा पत्थर, कोर्ट पहुंचा विश्वनाथ मंदिर न्यास

ज्ञानवापी के दक्षिणी (व्यास जी) तहखाना की मरम्मत के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट कोर्ट पहुंचा है। न्यास की ओर से जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल कर नमाजियों पर रोक की मांग की गई है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, वाराणसीMon, 4 March 2024 09:17 PM
share Share

ज्ञानवापी परिसर स्थित दक्षिणी (व्यास जी) तहखाने की मरम्मत और पुजारियों की सुरक्षा के लिए श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। न्यास की ओर से सोमवार को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। अर्जी में बताया गया है कि नमाजियों के दबाव में तहखाने की छत से पत्थर का टूकड़ा टूटकर मूर्तियों के बगल में गिरा है। कोर्ट से तहखाने की छत पर नमाजियों की आवाजाही रोकने और छत की मरम्मत की मांग की गई है। पहली बार ज्ञानवापी से जुड़े किसी मामले में खुद काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास कोर्ट पहुंचा है। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य के बहिष्कार के कारण सुनवाई 19 मार्च तक के लिए टाल दी गई। 31 जनवरी को जिला जज की अदालत ने व्यास जी के परिवार की अर्जी पर तहखाने की बैरिकेडिंग हटाकर पूजा की इजाजत दी थी। इसके बाद से ही यहां पूजा-पाठ चल रहा है। व्यासजी के परिवार ने पूजा का अधिकार काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास को सौंप दिया है। 

विगत दिनों पुजारियों ने मंदिर प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर जानकारी दी कि तहखाने में पूजनस्थल के पास पत्थर की दीवारें व छत जीर्ण होने से छत से पानी का लगातार रिसाव हो रहा है। छत की एक पत्थर की बीम में दरार पड़ गई है। अर्जी में कहा गया है कि पूजन शुरू होने के बाद ज्ञानवापी में नमाजियों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है। इससे ऊपर की फर्श पर अधिक बोझ पड़ रहा है। 15 फरवरी को नमाज के दौरान एकत्र भीड़ के दबाव से छत में कम्पन हो गया था और छत से एक पत्थर टूटकर विग्रह चबूतरे के ठीक बगल में गिरा। ऐसी परिस्थिति में पुजारियों पर खतरा मंडरा रहा है। इन समस्याओं व परिस्थितियों से कमिश्नर व डीएम को भी अवगत कराया जा चुका है। इसके बावजूद अब तक कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। 

मंदिर न्यास ने अर्जी में यह भी गुहार लगाई है कि पूजास्थल की छत के अंदर से मरम्मत कराना अतिआवश्यक है। अन्यथा कभी भी अप्रिय घटना हो सकती है। वहीं जर्जर स्थिति देखते हुए लोगों का छत पर भीड़ के नियंत्रण की भी आवश्यकता है। इसके लिए पूजास्थल व पुजारियों की सुरक्षा को देखते हुए सम्बंधित पक्षों को कार्रवाई के लिए आदेशित किया जाये। 

उर्स व चादरपोशी में सुनवाई 18 को होगी
वाराणसी। सिविल जज सीनियर डिवीजन (एफटीसी) प्रशांत सिंह की कोर्ट में लम्बित ज्ञानवापी में उर्स और चादरपोशी प्रकरण में सुनवाई सोमवार को टल गई। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत होने से सुनवाई नहीं हो पाईं। अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी। राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता मानवहादुर सिंह व अनुपम द्विवेदी की ओर से पक्षकार बनाए जाने की अर्जी पर सुनवाई होनी है।

गौरतलब है कि जुलाई-2022 में लोहता के मुख्तार अहमद समेत चार मुस्लिमों ने वाद दाखिल कर ज्ञानवापी स्थित मजार पर उर्स, चादर, गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की अनुमति मांगी है। ये भी मांग की गई कि जिला व पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया जाए कि धार्मिक आयोजन करने से न रोका जाए। इसमें काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास, जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, प्रदेश सरकार के साथ ही अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद को प्रतिवादी बनाया गया है।

मूलवाद की स्थानांतरण अर्जी 12 को सुनी जाएगी
वाराणसी। जिला जज की कोर्ट में 1991 के प्राचीन लार्ड विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग वाद को स्थानांतरित कर स्वयं सुनने की अर्जी पर भी सुनवाई टल गई। अब इसे 12 मार्च को सुना जाएगा। बता दें कि 24 जनवरी को लॉर्ड ज्योतिर्लिंग आदिविशेश्वर विराजमान की ओर से बतौर वादमित्र अधिवक्ता अनुष्का तिवारी व इंदु तिवारी की तरफ से प्रार्थना पत्र देकर कहा गया है कि मूल वाद को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट से स्थानांतरित कर स्वयं सुना जाये।

अगला लेखऐप पर पढ़ें