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ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार की बैरिकेडिंग हटाने की अर्जी, शृंगार गौरी की पूजा की मांगी इजाजत

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार की ओर की बैरिकेडिंग हटाकर शृंगार गौरी के पूजा-पाठ, राग-भोग की अनुमति के लिए प्रभारी जिला जज की अदालत में अर्जी दाखिल की गई है।

ज्ञानवापी की पश्चिमी दीवार की बैरिकेडिंग हटाने की अर्जी, शृंगार गौरी की पूजा की मांगी इजाजत
Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, वाराणसीWed, 28 Feb 2024 05:37 PM
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वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार की ओर की बैरिकेडिंग हटाकर शृंगार गौरी के पूजा-पाठ, राग-भोग की अनुमति के लिए प्रभारी जिला जज की अदालत में अर्जी दाखिल की गई है। इस पर 19 मार्च को सुनवाई होगी। वादी राखी सिंह ने अर्जी में कहा है कि पूर्व में मां शृंगार गौरी, भगवान गणेश, हनुमान, नंदीजी, दृश्य और अदृश्य देवताओं, मंडपों और मंदिरों की निरंतर पूजा होती रही है। वर्ष 1993 के बाद से जिला प्रशासन ने यहां भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया। प्रतिबंध का कोई लिखित आदेश नहीं है। तत्कालीन सरकार की मंशा के अनुरूप प्रशासन ने यह कार्य किया। आमजन को उनके पूजापाठ के मौलिक अधिकार से वंचित किया जा रहा है।  

दक्षिणी तहखाने के ऊपर से जाने पर रोक की मांग
वहीं, दक्षिणी तहखाने (व्यासजी का तहखाना) की छत पर नमाज रोकने और उसकी मरम्मत कराने के लिए प्रभारी जिला जज की कोर्ट में अर्जी दी गई है। इस पर सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख तय हुई है। सुंदरपुर के रामप्रसाद सिंह ने अपनी अर्जी में कहा है कि पिछले दिनों कोर्ट के आदेश के अनुसार व्यासजी के तहखाने/ तलगृह में नियमित पूजा पाठ चल रहा है। उसके ऊपर की छत जर्जर है।

कहा गया है कि विपक्षी अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद कमेटी के लोग अनावश्यक रूप से उक्त तहखाने के ऊपर इकठ्ठा होकर छत को क्षति पहुंचाने, गिराने के चक्कर में हैं। कोर्ट के आदेश पर डीएम रिसीवर नियुक्त हैं। उन्हें तहखाने की मरम्मत कराने और विपक्षी को छत पर जाने से रोकने का आदेश दिया जाए।

बंद तहखानों के एएसआई सर्वे की अर्जी पर आपत्ति
ज्ञानवापी स्थित वुजूखाना व बंद तहखाने के भी एएसआई सर्वे कराने की मांग से संबंधित अर्जी पर प्रभारी जिला जज  (प्रथम) अनिल कुमार की अदालत में बुधवार को सुनवाई हुई। इसमें प्रतिवादी अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दाखिल की। इस पर भी 19 मार्च को सुनवाई होगी। 
शृंगारगौरी केस की वादी राखी सिंह ने पिछले दिनों सील वुजूखाना और बंद तहखानों के सर्वेक्षण की मांग की है।

बुधवार को अंजुमन इंतिजामिया के अधिवक्ता मो. रईस अहमद, मो. मुमताज अहमद, मेराजुद्दीन सिद्दिकी व मो. एखलाक ने कोर्ट में आपत्ति दाखिल की। कहा कि वादी की ओर से सिर्फ अनुमान के आधार पर कपोल कल्पित अर्जी दी गई है। कोर्ट के आदेश पर एएसआई सर्वे हो चुका है, अब किसी सर्वे की जरूरत नहीं है।  

आराजी 9130 का सर्वे कराने का अनुरोध
वाराणसी। सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में बुधवार को ज्ञानवापी से जुड़े एक वाद में सुनवाई हुई। वादी हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्त व अजीत सिंह की तरफ से अधिवक्ता मंगला प्रसाद पाठक व अभिषेक पाठक ने ज्ञानवापी के आराजी नं. 9130 का अमीन से सर्वें कराने का अनुरोध किया। उस आराजी पर जो भी वस्तुएं पाई जाएं उसकी रिपोर्ट देने और वादी के खर्चे पर फोटोग्राफ कोर्ट में दाखिल कराने की गुहार लगाई गई है। मुस्लिम पक्ष के आग्रह पर कोर्ट ने 11 मार्च को सुनवाई की तारीख नियत की।

प्राचीन लार्ड विश्वेश्वर वादः हरिहर पांडेय के पुत्रों की पक्षकार बनने की अर्जी खारिज
वाराणसी। प्राचीन लार्ड विश्वेश्वर के वर्ष 1991 के दाखिल वाद के पक्षकार रहे हरिहर पांडेय की जगह उनके पुत्रों को पक्षकार बनाने की मांग सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत कुमार सिंह ने बुधवार को खारिज कर दी। वहीं, वाद मित्र विजयशंकर रस्तोगी का संशोधित प्रार्थना-पत्र कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। 
हरिहर पांडेय के निधन के बाद वादमित्र विजयशंकर रस्तोगी ने वाद से मृत वादी का नाम हटाने की अर्जी दी थी। उधर हरिहर पांडेय के पुत्रों-प्रणय पांडेय और करनशंकर पांडेय ने भी  पिता की जगह उन्हें पक्षकार बनाने की मांग की थी। दोनों अर्जियों और आपत्तियों को कोर्ट ने सुना। 

कोर्ट में वादमित्र की ओर से पिछली तारीखों पर कहा गया था कि यह जनहित का वाद है। इसमें यह जरूरी नहीं है कि वादी की मृत्यु के बाद उनके वारिस को पक्षकार बनाया जाए।  इसमें अधिवक्ता भी मुकदमा लड़ सकता है। उन्होंने प्रणय व करन की अर्जी खारिज करने की गुहार लगाई गई थी। वहीं अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, आशीष श्रीवास्तव और सुभाषनंदन चतुर्वेदी ने कहा था कि यह व्यक्तिगत वाद है।

तीन लोगों ने यह वाद दाखिल किया था। ऐसे में मृत वादी के वारिसान भी पक्षकार बन सकते हैं। अधिवक्ताओं ने राम मंदिर प्रकरण का भी हवाला दिया। अदालत ने इस प्रकरण में आदेश के लिए 28 फरवरी की तारीख नियत की थी। विजयशंकर रस्तोगी ने पत्रावली में हरिहर पांडेय का नाम मृतक के तौर पर लिखे जाने का अनुरोध किया था। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार कर लिया। 

संपूर्ण ज्ञानवापी के सर्वे के संबंध में सुनवाई सात को
वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में ज्ञानवापी के संपूर्ण एएसआई सर्वे की भी अर्जी दाखिल की है। इस पर सात मार्च को सुनवाई होगी।

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