Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Gyanvapi: Muslim side s plea seeking evidence reference rejected accountability will have to be filed

ज्ञानवापी: मुस्लिम पक्ष की साक्ष्य संदर्भ मांगने की अर्जी खारिज, जवाबदेही दाखिल करनी होगी

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी से जुड़े मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल अर्जी खारिज कर दी है।

हिन्दुस्तान वाराणसीThu, 22 Feb 2024 03:29 PM
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वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी में सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रशांत कुमार सिंह की अदालत ने गुरुवार को ज्ञानवापी से जुड़े एक अन्य वाद में मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल अर्जी खारिज कर दी है। सुनवाई के लिए अगली तिथि 26 मार्च तय की। वादपत्र में मुस्लिम पक्ष को जवाबदेही दाखिल करनी होगी। ज्योतिर्लिंग आदिविश्वेश्वर विराजमान की तरफ से बड़ी पियरी निवासी अधिवक्ता अनुष्का तिवारी व इंदु तिवारी ने वाद दाखिल कर ज्ञानवापी स्थित आराजी पर भगवान का मालिकाना हक घोषित करने, केंद्र व राज्य सरकार से भव्य मंदिर निर्माण में सहयोग और ज्ञानवापी की बैरिकेडिंग हटाने की मांग की है।

मामले में अंजुमन इंतिजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से अर्जी दी गई थी कि वाद में जो भी दर्शाया गया है उसकी प्रति, प्रपत्र या जो भी वस्तुएं हैं उसे वादी उपलब्ध कराए, ताकि विपक्षी को जवाबदेही देने में सहूलियत हो सके। वादिनियों की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि वाद में उल्लेखित संदर्भ ग्रंथो में दर्शाए गए हैं, जो बाजार में उपलब्ध हैं। इसलिए प्रतिवादी खुद इकट्ठा करें। अदालत का आदेश हुआ तो साक्ष्य प्रस्तुत किया जाएगा। मुस्लिम पक्ष की इस अर्जी पर सुनवाई चली। पिछली तिथि पर अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया था। गौरतलब है कि इससे पहले ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में बैरिकेडिंग हटाकर पूजा का आदेश जिला जज की अदालत ने दिया था। वहां पूजा शुरू भी हो चुकी है।

निगरानी अर्जी अब 11 को सुनेगी कोर्ट 
वाराणसी।
जिला जज की अदालत में गुरुवार को सुनवाई के क्षेत्राधिकार के लेकर दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई 11 मार्च तक के लिए टल गई। गौरतलब है कि सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में 1991 के मूलवाद में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने सुनवाई का क्षेत्राधिकार नहीं होने का हवाला देते हुए उसी अदालत में अर्जी दी थी। दो साल पूर्व कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी। आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने जिला जज की कोर्ट में निगरानी अर्जी दाखिल की है। 

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