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Gyanvapi Case: जूता स्‍टैंड हटाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल, 19 मार्च को होगी सुनवाई; जानें पूरा मामला 

शनिवार को हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर से लोहे का जूता स्टैंड हटाने के लिए जिला जज की अदालत में अर्जी दी। कोर्ट ने पूर्व निर्धारित तिथि 19 मार्च को ही अर्जी पेश करने का निर्देश दिया है।

हिन्‍दुस्‍तान वाराणसी Sun, 3 March 2024 06:41 AM
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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में अब एक नया विवाद जूता रैक को लेकर शुरू हो गया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करने पहुंचे कुछ लोग अपने साथ जूता स्‍टैंड लेकर पहुंचे थे। सुरक्षाकर्मियों ने उन्‍हें रोका तो विवाद बढ़ गया। मस्जिद के इमाम और मुफ्ती एक बनारस मौलाना बातिन जूता स्‍टैंड ले जाने पर अड़ गए। 15 से 20 मिनट तक बहस के बाद अफसरों ने जूता स्‍टैंड को ज्ञानवापी परिसर के नीचे रखवा कर किसी तरह मामले को शांत किया। शनिवार को हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर से लोहे का जूता स्टैंड हटाने के लिए जिला जज की कोर्ट में अर्जी दी। कोर्ट ने पूर्व निर्धारित तिथि 19 मार्च को ही अर्जी पेश करने का निर्देश दिया है।

वादी किरण सिंह ने अधिवक्ता मानबहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी के माध्यम से अर्जी दी है। उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी पसिर में ढांचे के गुंबद जैसी संरचना हटाने और कब्जे के लिए पूर्व में वाद दाखिल है। न्यायालय में मुकदमा विचारणीय है। शुक्रवार को अंजुमन इंतिजामिया कमेटी ने ज्ञानवापी स्थल पर लोहे का जूता स्टैंड रख दिया। वादी का आरोप है कि प्रशासन की शहर पर स्टैंड रखा गया जबकि पहले से स्पष्ट है कि विवादित परिसर में कोई परिवर्तन या परिवर्धन नहीं किया जा सकता है। प्रतिवादी का कार्य कानून के विपरीत है। अदालत जूता स्टैंड को विवादित स्थल से तत्काल प्रभाव से हटाने का प्रशासन को आदेशित करे।

वुजूखाना प्रकरण में सुनवाई 16 को होगी
वाराणसी। अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार सिंह की अदालत में शनिवार को ज्ञानवापी स्थित वुजूखाना में गंदगी व शिवलिंग की आकृति पर दिए बयान मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर सुनवाई टल गई। अधिवक्ताओं के न्यायिक कार्य से विरत रहने से सुनवाई नहीं हो पाई। अब अगली सुनवाई 16 मार्च को होगी।

वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय, अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह और हेमलता ने लोअर कोर्ट के आदेश के खिलाफ निगरानी अर्जी दाखिल की थी। उसमें वुजूखाने में नमाजियों को गंदगी फैलाने से रोकने व शिवलिंग की आकृति पर बयान देने वाले एआइएमआइएम के अध्यक्ष असुदद्दीन ओवैसी व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की गई है।

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