गंगा के जलस्तर में वृद्धि का असर सरयू पर, खतरे के निशान के पार, राप्ती, रोहिन और गोर्रा का जलस्तर बढ़ा
गंगा नदी के जलस्तर में उफान का असर सरयू नदी पर दिखने लगा है। सरयू नदी शनिवार को बरहज में खतरे के निशान को पार कर गई है। राप्ती-रोहिन और गोर्रा का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। लोगों में दहशत है।
गोरखपुर। गंगा नदी के जलस्तर में उफान का असर सरयू नदी पर दिखने लगा है। सरयू नदी शनिवार को बरहज में खतरे के निशान को पार कर गई है। राप्ती-रोहिन और गोर्रा का भी जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सरयू नदी बरहज में शनिवार को खतरे के निशान 66.50 आरएल मीटर पार कर 66.850 आरएल मीटर पर बहने लगी है। हालांकि तुर्तीपार में अभी भी सरयू का पानी खतरे के निशान 64.01 आरएल मीटर से नीचे 63.800 आरएल मीटर बह रहा है।
जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण और सिंचाई विभाग के लोगों का मानना है कि गंगा नदी में उफान है, जिसका असर बरहज में सरयू नदी में भी दिख रहा है। गोरखपुर जिले में बहने वाली राप्ती का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार को राप्ती का पानी बर्डघाट के 73.20 आरएल मीटर तथा रोहिन का जलस्तर त्रिमुहानी घाट पर 81.19 आरएल मीटर पर पहुंच गया था। गोर्रा का जलस्तर भी बढ़ रहा है। रोहिन और राप्ती में पानी बढ़ने से डोमिनगढ़ इलाके में किसानों को नुकसान पहुंचा है।
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दियारा में सरयू नदी की कटान रोकने के लिए बाढ़ खंड दो सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। खैराटी, गोनघट, मुशाडोही, कोटिया नीरंजन गांव व खेत बचाने के लिए बाढ़ खंड के अधिकारी मौके पर काम करा रहे हैं। हालांकि तटवर्ती लोग नदी के बढ़ते जलस्तर से दहशत में हैं। दियारा क्षेत्र के खैराटी, गोनघट, मुशाडोही और कोटिया नीरंजन गांव के दर्जनों किसानों का सैकड़ों बीघा उपजाऊ खेती योग्य जमीन एक पखवारे से नदी में कट रही है। अब नदी का रुख खैराटी और गोनघट गांव तरफ है। गोनघट गांव का अंतिम घर शंकर प्रसाद और सवरू के अलावा खैराटी गांव के श्रीनाथ यादव और कनैया के छप्पर के घर को कटान से बचाने के लिए बाढ़ खंड के अधिकारियों ने काम तेज कर दिया है।