किन-किन लोगों से सोना खरीदता था पीयूष जैन? गोल्ड स्मगलरों से भी जुड़ा इत्र कारोबारी का नाम
कानपुर और कन्नौज में भारी मात्रा में पकड़ा गया रुपया और जेवरात मामले में इत्र कारोबारी पीयूष जैन की गुरुवार को सुनवाई थी। पीयूष जैन का सोना तस्करों से भी संबंध जुड़ चुका है।
सोना तस्करी के मामले में भी इत्र कारोबारी पीयूष जैन की ओर से प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की गई है। मामले की सुनवाई शुक्रवार को होगी । वहीं (राजस्व खुफिया निदेशालय) डीआरआई का आरोप है कि पीयूष जैन के संबंध सोना तस्करों से हैं, इसलिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
पीयूष के कन्नौज व आनंदपुरी स्थित आवास से 197 करोड़ रुपए नकद के अलावा 23 किलो सोना भी बरामद हुआ था। सोने को डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) लखनऊ की टीम ने सीज कर दिया था। पीयूष पर सोने की तस्करी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया है। मामले की जांच चल रही है। इसी मामले में पीयूष की ओर से अधिवक्ता चिन्मय पाठक ने कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दाखिल की है । तर्क रखा कि पीयूष पर लगे आरोप निराधार हैं ।
डीआरआई के पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं। वहीं रिमांड अर्जी के दौरान डीआरआई ने पहले ही तर्क रख दिया कि पीयूष ने जिस व्यक्ति से सोना खरीदा, वह विदेशी सोने की तस्करी में लिप्त है। इसी आधार पर पीयूष को भी तस्कर माना गया। वहीं पीयूष के पास से मिले तस्करी के सोने का लिंक पान मसाला कारोबारी से भी जोड़कर डीजीजीआई जांच कर रही है। गणपति रोड कैरियर्स पर छापों के बाद डीजीजीआई ने त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस में टैक्स चोरी पकड़ी थी।
ट्रांसपोर्ट नगर स्थित त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस में करोड़ों की टैक्स चोरी और दर्जनों फर्जी फर्में पकड़ी गई थीं। पीयूष के घर से मिले तस्करी के सोने के लिए किए गए भुगतान की जांच त्रिमूर्ति फ्रेगरेंस की बोगस कंपनियों से जोड़कर की जा रही है। डीजीजीआई के मुताबिक टैक्स चोरी की इस रकम का एक हिस्सा पीयूष के जरिए सोने के बिस्किट की खरीद में किए जाने की आशंका है, जिसकी जांच जारी है।