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GST Raid: किससे लेता था कच्चा माल? DGGI के 45 सवालों में फंस गया पीयूष जैन, इत्र कारोबारी ने कबूले तीन नए नाम

अरबों रुपए घर में रखने वाला इत्र कारोबारी पीयूष जैन आखिरकार डीजीजीआई के सवालों के मकड़जाल में उलझ ही गया। चार दिन तक जेल में सवालों की बौछारों के बाद उसने तीन नए नामों को उगला। 44 सवालों के रटे रटाए...

Dinesh Rathour कानपुर। वरिष्ठ संवाददाता , Thu, 24 Feb 2022 11:21 PM
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अरबों रुपए घर में रखने वाला इत्र कारोबारी पीयूष जैन आखिरकार डीजीजीआई के सवालों के मकड़जाल में उलझ ही गया। चार दिन तक जेल में सवालों की बौछारों के बाद उसने तीन नए नामों को उगला। 44 सवालों के रटे रटाए जवाब देने के बाद 45वें सवाल से उसने कबूला कि कच्चा माल किससे लेता था। शुरुआती जांच से लेकर जेल जाने तक खुद को बेकसूर बताने वाला इत्र कारोबारी पीयूष जैन जीएसटी इंटेलीजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) की पूछताछ में फंस गया। उसने टैक्स चोरी से कमाई गई काली कमाई का पूरा ब्योरा 97 सवालों के जवाब में दिया है। 

पूछताछ में पीयूष जैन ने डीजीजीआई अफसरों के भी पसीने छुड़ा दिए। मुझे कुछ याद नहीं, कहकर बचने की कोशिश में लगा पीयूष भी एक सवाल में आकर हार गया। पूछताछ में पहली बार स्वीकार किया कि उसने मेसर्स ओरियंटल एंटीमैटिक लिमिटेड,  संत भामा इंटरप्राइजेज और कुशल चंद्र इंटरनेशनल फर्म से इत्र का कच्चा माल खरीदा था। डीजीजीआई की टीम इन सभी फर्मों से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में पीयूष ने बताया कि वह कच्चे माल की खरीद-फरोख्त खुद ही करता था। मशीन व कच्चे माल की सप्लाई की किसी भी तरह की लिखा-पढ़ी और परचे से साफ इनकार कर दिया। उसने बताया कि सप्लायर से मिलने वाले माल की कोई लिखापढ़ी नहीं है। 

इसमें उसने तीन फर्मों के जरिए जीएसटी की टैक्स चोरी खुद करने की बात स्वीकारी है। उसी के आधार पर डीजीजीआई अहमदाबाद की टीम ने पीयूष को आरोपित बनाकर 334 पन्ने का आरोप पत्र दिया है। डीजीजीआई के विशेष लोक अभियोजक अम्बरीश टंडन ने बताया कि जेल में छह जनवरी को पीयूष से 49 सवाल, सात जनवरी को 21,  आठ जनवरी को 20 और पांच फरवरी को सात सवाल पूछे गए। 97 सवालों के जवाबों में ही पीयूष पूरी तरह से घिर गया। 

जेल में पूछताछ के दौरान पीयूष ने स्वीकार कि उसने ओडोकैम इंडस्ट्रीज, ओडोसिंथ इन कार्पोरेशन और फ्लोरा नेचुरल के जरिए ही पूरा बिजनेस करता था। इन फर्म के जरिए ही उसने टैक्स चोरी करके 196.57 करोड़ रुपए इकट्ठा किए है। इन तीनों फर्म का सारा बिजनेस व लेखा-जोखा वही देखता था। चार से पांच साल में टैक्स चोरी करके करोड़ों रुपए अर्जित किए हैं। इनमें भाई अमरीश जैन और पिता महेश चंद्र जैन पार्टनर हैं।

बाकी परिवार के अन्य सदस्य भी फर्म में हैं। पूछताछ में डीजीजीआई को पीयूष जैन ने बताया कि उसके पास जीएसटी रजिस्ट्रेशन है। उसका एचएसएन कोड चैप्टर 33 है। उसने माना कि टैक्स चोरी की है इसलिए वह जुर्माना भरने को तैयार है। वह पैसा जब्त की गई रकम से देना चाहता है। डीजीजीआई ने आरोप पत्र में पैसे की बरामदगी और पीयूष के कबूलनामे को अहम साक्ष्य आरोप पत्र में बनाया है। डीजीजीआई ने कम आय वाले साक्ष्य को भी चार्जशीट में दिखाया है। उसने आयकर रिटर्न में परिवार के पांच लोगों की आय 2.10 करोड़ रुपए दिखाई है।

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