रिटायर होने के बाद भी एलडीए में दलाली कर रहे हैं कई इंजीनियर और कर्मचारी, करवा रहे हैं अवैध निर्माण
एलडीए के कई इंजीनियर तथा बाबू दलाली कर रहे हैं। खाली पड़े प्लाटों पर अवैध कब्जा करा रहे हैं।
रिटायर होने के बाद भी एलडीए के कई इंजीनियर तथा बाबू दलाली कर रहे हैं। प्राधिकरण के अधिकारियों तथा इंजीनियरों का संरक्षण मिलने से इनकी पौ बारह है। यह सब अवैध निर्माण करवा रहे हैं। भूखंडों, भवनों की खरीदारी, नक्शे पास कराने तथा दाखिल खारिज व फ्रीहोल्ड में भी इसी साठगांठ से कमाई कर रहे हैं। ऐसी कई शिकायतें मिलने के बाद एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने मामले की जांच के लिए तीन बड़े अफसरों की कमेटी बनाई है।
रिटायर होने वाले कई इंजीनियर बिल्डिंग बनवाने वाले लोगों से मिलीभगत करने के बाद उनका सम्पर्क एलडीए अफसरों तथा इंजीनियरों से करवा रहे हैं। जिससे एलडीए की बदनामी हो रही है। संपत्तियों की खरीद-फरोख्त से लेकर दाखिल खारिज, फ्री होल्ड के कामों में लोगों को गुमराह कर वसूली कर रहे हैं। पूर्व उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने रिटायर कर्मियों के प्रवेश पर प्रतिबंध तक लगाया था। लेकिन प्रवेश रुक नहीं पाया।
जांच के लिए तीन अफसरों की कमेटी बनी
एलडीए उपाध्यक्ष ने इस जानकारी पर जांच के लिए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा की अध्यक्षता में समिति बना दी। वित्त नियंत्रक दीपक सिंह तथा मुख्य अभियंता अवधेश तिवारी को इसका सदस्य बनाया गया है।
रिटायर सहायक अभियंता की भूमिका की जांच होगी
उपाध्यक्ष ने आदेश में लिखा है कि एक रिटायर सहायक अभियंता जोन 2,5 व 6 में अवैध निर्माणों में संलिप्त रहे हैं। ये प्राधिकरण में आकर अन्य इंजीनियरों के साथ बैठते हैं। उपाध्यक्ष ने उन इंजीनियरों की भूमिका भी संदिग्ध बताया है जिसके साथ रिटायर इंजीनियर बैठते हैं।
रिटायर क्लर्क भी कर रहे हैं दलाली
इंजीनियरिंग ही नहीं संपत्ति, अर्जन तथा इंजीनियरिंग विभाग के बाबू भी रिटायर होने के बाद अवैध कार्य कर रहे हैं। एक रिटायर बाबू ने तो प्राधिकरण के कई अधिकारियों को ब्लैकमेल कर मोटी रकम की उगाही की है। एक अन्य बाबू संपत्ति विभाग में बैठता है जो बाबुओं के लिए दाखिल खारिज तथा फ्री होल्ड के ग्राहक तलाशता है।
कुछ रिटायर इंजीनियर व कर्मचारी गड़बड़ी कर रहे हैं। इनकी जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई होगी।
डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, एलडीए