यूपी-बिहार समेत कई प्रदेशों में ईडी की कार्रवाई, झुनझुनवाला समूह की 814 करोड़ की संपत्तियां जब्त की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लखनऊ जोन कार्यालय ने बुधवार को जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड समेत झुनझुनवाला समूह की अन्य कंपनियों की 814 करोड़ की संपत्तियों को अस्थाई तौर पर जब्त कर लिया।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लखनऊ जोन कार्यालय ने बुधवार को जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड समेत झुनझुनवाला समूह की अन्य कंपनियों की 814 करोड़ की संपत्तियों को अस्थाई तौर पर जब्त कर लिया। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत की गई। कुर्क की गई संपत्तियां वाराणसी (यूपी), रोहतास (बिहार), पालम (नई दिल्ली) और रायगढ़ (महाराष्ट्र) में स्थित 521 एकड़ भूमि के रूप में हैं। यह भूमि जेवीएल इंफ्रा हाइट्स लिमिटेड, जेवीएल मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड, जेवीएल सीमेंट लिमिटेड और प्रीमियम प्रेशर वेसल्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम पंजीकृत है। इन कंपनियों के प्रमोटर सत्य नारायण झुनझुनवाला और आदर्श झुनझुनवाला हैं।
ईडी ने आईपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत किए गए अपराधों के लिए जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड और अन्य के खिलाफ सीबीआई लखनऊ द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर यह जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि जेवीएल की यूपी, बिहार, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में इकाइयां हैं, जो विभिन्न खाद्य तेलों के निर्माण और व्यापार में शामिल हैं। कंपनी अपनी विदेशी सहायक कंपनी जेवीएल ओवरसीज पीटीई के माध्यम से सिंगापुर व मलेशिया आदि देशों से कच्चा तेल व कच्चा माल आयात करती थी। जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने हेरफेर और बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए वित्तीय विवरणों को प्रस्तुत कर बैंकों से लोन लिया और विभिन्न समूह संस्थाओं के माध्यम से इसका उपयोग किया।
प्रमोटर सत्य नारायण झुनझुनवाला ने जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड के फंड को स्थानांतरित करने के उद्देश्य से जेवीएल एग्रो समूह कंपनियों के रूप में विभिन्न कागजी संस्थाओं का अधिग्रहण किया। सत्य नारायण झुनझुनवाला ने महालक्ष्मी इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट और रत्नप्रिया इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट नाम से दो ट्रस्ट भी पंजीकृत किए और ऐसी कागजी संस्थाओं के लगभग पूरे शेयर इन दो ट्रस्टों में स्थानांतरित कर दिए। ये दोनों ट्रस्ट उनके नियंत्रण में हैं। सत्य नारायण झुनझुनवाला और उनके सहयोगियों के इस कृत्य के परिणामस्वरूप बैंक ऑफ बड़ौदा के नेतृत्व वाले बैंकों के संघ को लगभग 1992 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इससे पहले 21 जून को ईडक्ष ने जेवीएल समूह की कंपनियों, सत्य नारायण झुनझुनवाला और परिवार के सदस्यों और करीबी सहयोगियों के 12 परिसरों पर छापा मारकर तलाशी भी ली गई थी। छापों में धन के हेरफेर से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज व रिकॉर्ड बरामद हुए थे। मामले में आगे की जांच अभी जारी है।