Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Earthquake in UP: Earth shook from Meerut to Lucknow patients and doctors fled together from the old building of KGMU

यूपी में भूकंपः मेरठ से लखनऊ तक हिली धरती, KGMU की पुरानी बिल्डिंग से एक साथ भागे मरीज और डॉक्टर

भूकंप ने एक बार फिर मंगलवार को लोगों को दहशत में डाल दिया। दिल्ली-एनसीआर के साथ ही पश्चिमी यूपी से राजधानी लखनऊ तक भूकंप के तेज झटके लोगों ने महसूस किए। लोग बिल्डिंगों से बाहर भाग आए।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊTue, 3 Oct 2023 04:28 PM
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भूकंप ने एक बार फिर मंगलवार को लोगों को दहशत में डाल दिया। दिल्ली-एनसीआर के साथ ही पश्चिमी यूपी से राजधानी लखनऊ तक भूकंप के तेज झटके लोगों ने महसूस किए। दोपहर 2 बजकर 52 मिनट पर दस सेकेंड के अंतराल पर दो झटके लगे। पहला झटका लगते ही लोग बिल्डिंगों से सड़क और मैदानों की ओर भाग खड़े हुए। इसी बीच दूसरा झटका भी आया। लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में झटके आते ही डॉक्टर के साथ ही मरीज भी बाहर की ओर भागे। काफी देर तक लोग बाहर ही रहे और आपस में भूकंप को लेकर चर्चा करते रहे। झटके के साथ ही मोबाइल पर मैसेज और नोटिफिकेशन की बाढ़ सी आ गई। फिलहाल किसी जिले से जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। 

यूपी में मुरादाबाद, बरेली, कानपुर और श्रावस्ती में भी झटके महसूस किए गए। मेरठ और उससे सटे सहारनपुर, बिजनौर, हापुड़, बागपत में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। सभी लोग बिल्डिंगों से निकलकर बाहर आ गए। राजधानी लखनऊ में गोमती नगर में तेज झटके लोगों ने महसूस किए।

भूकंप का केंद्र नेपाल में था। इसकी तीव्रता 6.2 आंकी गई है। लखनऊ के हजरतगंज में भूकंप के कारण बिल्डिंग से बाहर आए लोगों ने कहा कि आफिस में बैठ-बैठे पानी हिलने लगा फिर कुर्सी भी हिलने लगी। देखा तो सभी लोग बाहर भाग रहे हैं। नीचे पहुंचे तो भीड़ लगी थी। 

इलाज बीच में छोड़कर भागे डॉक्टर-मरीज
भूकंप के झटके लखनऊ के केजीएमयू में भी महसूस किए गए। यहां की दंत संकाय की पुरानी बिल्डिंग में तो डॉक्टर, कर्मचारी-मरीज इलाज बीच में छोड़कर सड़क पर आ गए। सेमिनार हॉल में कुर्सियां, मेज और पंखों हिलने लगे। तो बीच में ही सेमिनार रोकर डॉक्टर-रेजिडेंट जान बचाकर भागे। दोपहर दंत संकाय की पुरानी बिल्डिंग में सामान्य दिनों की भांति मरीजों का इलाज चल रहा था। तभी प्रथम तल के गेट पर बैठे कर्मचारी संजय और शरद ने कुर्सी में कंपन महसूस किया। उसने तुरंत इसकी सूचना विभाग में डॉ. रमेश भारती को दी। इसी दौरान चौथे तल पर ओरल पैथोलॉजी विभाग की डॉ. शालिनी गुप्ता व डॉ. फहद भी जीने के रास्ते भागते हुए नीचे पहुंचे। कुछ ही देर में भूकंप का हल्ला मच गया।

भूकंप की दहशत से हड़कप
देखते ही देखते डेंटल चेयर में भी कंपन शुरू हो गए। इलाज में जुटे डॉक्टर-कर्मचारी घबरा गए। मरीजों को भी दहशत की वजह से पसीना आने लगा। इलाज बीच में छोड़ सभी सड़क की तरफ भागे। कुछ मरीजों के दांतों से खून निकल रहा था। तो रेजिडेंट डॉक्टर इलाज का सामान लेकर बाहर आए। सड़क पर खड़े होकर मरीजों का राहत पहुंचाई। सेमिनार हॉल में भी भगदड़ मच गई। बीच में सेमिनार रोकना पड़ा। कुछ ही देर में सभी भवन छोड़कर सड़क पर आ गए।

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