यूक्रेन में फंसे यूपी-बिहार के दर्जनों छात्र, प्रधानमंत्री से एयरलिफ्ट कराने की मांग
यूक्रेन व रूस युद्ध संकट के समय में यूपी-बिहार के दर्जनों छात्रों के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। अकेले यूपी के अलीगढ़ के करीब 50 बच्चे यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। बुधवार को चिंतित...
यूक्रेन व रूस युद्ध संकट के समय में यूपी-बिहार के दर्जनों छात्रों के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। अकेले यूपी के अलीगढ़ के करीब 50 बच्चे यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। बुधवार को चिंतित अभिभावकों ने पीएम नरेंद्र मोदी से बच्चों को एयरलिफ्ट कराए जाने की मांग करते हुए कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं बिहार विधान परिषद के सदस्य डॉ. संजय मयूख ने बुधवार को रूस-यूक्रेन के बीच जारी गंभीर तनाव के मद्देनजर यूक्रेन में पढ़ रहे बिहार के बच्चों की सुरक्षा को लेकर केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से बात की।
अलीगढ़ के अभिभावकों ने कमिश्नर गौरव दयाल को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि यूक्रेन पर हमला होने का माहौल बनने से सभी अभिभावक अपने मेडिकल अध्ययनरत बच्चों की सुरक्षा को लेकर अत्यंत चिंतित हैं। अलीगढ़ से करीब 50 बच्चे व देश से करीब 20 हजार से अधिक बच्चे वहां उच्च शिक्षा ले रहे हैं। कोविड-19 की वजह से भी उनकी शिक्षा पर भी खासा प्रभाव पड़ा था। वहीं, अब यूक्रेन में युद्ध के हालात पर वहां भारतीय दूतावास द्वारा भारतीय छात्रों को अचानक 15 फरवरी में यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी करने से सभी स्थानीय अभिभावकों को परेशानी में डाल दिया है।
अभिभावकों का कहना था कि यूक्रेन में भारत की एम्बेसी से वहां अध्ययनरत बच्चे निरंतर संपर्क में हैं ,लेकिन एम्बेसी को भी बच्चों को निरंतर संरक्षण दिया जाना अपेक्षित है। ताकि भ्रम की स्थिति न रहे। इस दौरान पंकज धीरज ,डॉ विश्वामित्र आर्य, सैयद राशिद अहमद,आमोद कुमार उपाध्याय,काजल धीरज ,पुनीत अरोरा, मोरमुकुट यादव, आदि सहित अन्य अभिभावक ज्ञापन देते समय उपस्थित रहे।
बिहारी छात्रों को लेकर भाजपा एमएलसी ने की विदेश राज्यमंत्री से बात
पटना। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं बिहार विधान परिषद के सदस्य डॉ. संजय मयूख ने बुधवार को रूस-यूक्रेन के बीच जारी गंभीर तनाव के मद्देनजर यूक्रेन में पढ़ रहे बिहार के बच्चों की सुरक्षा को लेकर केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी से बात की। उन्हें बिहार के बच्चों की सुरक्षा के बारे में अपनी और बच्चों के परिजनों की चिंता से अवगत कराया।
श्रीमती लेखी ने डॉ. मयूख को आश्वस्त किया कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने यूक्रेन में पढ़ रहे बच्चों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है कि सभी छात्र भारतीय दूतावास के संपर्क में रहें। वे अपना संपर्क सूत्र और एड्रेस भारतीय दूतावास के साथ साझा करें।
केंद्र सरकार ने ये भी व्यवस्था की है कि जो छात्र भारत वापस आना चाहते हैं, वे आ सकते हैं। बिहार के जिन छात्रों को कोई भी परेशानी है, वे भारतीय दूतावास के साथ साझा करें। सरकार उनकी परेशानी का अविलंब समाधान करेगी। केंद्र की भाजपा सरकार अपने छात्रों के साथ पूरी तरह खड़ी है। विदेश राज्य मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार अपने छात्रों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए कटिबद्ध है।
डेढ़ लाख रुपए हुआ फ्लाइट का किराया
अभिभावकों ने बताया कि यूक्रेन में युद्ध के संकट की वजह से वहां से दिल्ली /भारत की वापसी की फ्लाइट का किराया भी डेढ़ लाख रुपयों तक प्रति यात्री तक पहुंच गया है, जबकि सामान्य समय में ये किराया 22-23 हजार होता है। अनेकों फ्लाइटों का कैंसिल होना भी बताया जा रहा है। वर्तमान में फ्लाइट भी उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं। ऐसे में यूक्रेन में फंसे देश के बच्चों की पूर्ण सुरक्षा व्यवस्था करने की जिम्मेदारी लेने के साथ, आपातकालीन स्थिति में उनको भारत लाने के लिए एयर लिफ्ट की व्यवस्था भारत सरकार के द्वारा कराया जाना अति आवश्यक है।