मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में डिंपल यादव ने झोंकी ताकत, जनता से लिया जीत का आशीर्वाद
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव ने जान झोक दी है। वह मैनपुरी में करहल-घिरोर रोड पर पार्टी कार्यकर्ताओं मुलाकात कर जीत पक्की करने में जुटी हैं।
मैनपुरी में 5 दिसंबर को लोकसभा उपचुनाव होगा जिसके नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। ये सीट किसके खाते में जाएगी ये तो वक्त ही बताएगा। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव ने जान झोक दी है। वह मैनपुरी में करहल-घिरोर रोड पर पार्टी कार्यकर्ताओं मुलाकात कर जीत पक्की करने में जुटी हैं। एक लंबे अरसे के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी सक्रिय नजर आ रहे हैं। जब उपचुनाव प्रचार में उनकी गाड़ी रेड़ा गांव के पास से गुजरी तब दोनों तरफ से पार्टी कार्यकर्ता डिंपल भाभी जिंदाबाद और अखिलेश भैया जिंदाबाद के नारे लगाए।
मैनपुरी सपा प्रत्याशी प्रशंसकों को उत्साह देखकर हाथ जोड़ रहती नजर आ रही हैं। डिंपल यादव शहरी क्षेत्र की तुलना में ग्रामीण इलाकों पर अधिक ध्यान केंद्रित किया हैं। डिंपल यादव ज्यादातर अपना अभियान दोपहर 12 बजे शुरुकर रही कर रही हैं। डिंपल यादव पहले दिन से ही गांवों में महिलाओं पर ज्यादा फोकस किया। वहीं मैनपुरी की बुजुर्ग महिलाएं नेताजी (सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव) की 'बहू' को आशीर्वाद दिया। मैनपुरी के गांव के लोग डिंपल यादव को मृदुभाषी के तौर पर जानते हैं।
घिरोर के पास के एक गांव की 71 वर्षीय सरबती देवी डिंपल को एक अच्छी "बहू" बताती हैं। “ज्यादा बोलने से क्या फायदा? जो काम का है सो बोल रही है (अनावश्यक शब्दों का क्या उपयोग है? वह कहती है कि क्या मायने रखता है),” गांव से विदा होते डिंपल यादव ने लोगों से वोट देने की अपील की। मैनपुरी की एक अन्या महिला ने बताया, “सब पार्टी महिला की बात करती हैं पर टिकट नहीं देती। अच्छा होगा अगर हमारी सांसद महिला हो।"
डिंपल यादव कम समय में अधिक से अधिक घर जाने की कोशिश की। उनके स्वागत के लिए जगह-जगह पर टेंट लगाए गए थे। वह 'घूंघट' में महिलाओं से घिरी हुई हैं, जो "बहू" को देखना चाहती हैं, जो मैनपुरी से पहली महिला सांसद बन सकती हैं, इस सीट से उनके ससुर यानी दिंवगत मुलायम सिंह पांच बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
अपने चुनाव प्रचार में डिंपल यादव कहती हैं, “यह मेरा चुनाव नहीं है, बल्कि नेताजी का है, जिन्हें मैनपुरी के लोगों के लिए हमेशा विशेष स्नेह और देखभाल थी। नेताजी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हमें उनके पदचिन्हों पर चलने की जरूरत है, उनके बताए सिद्धांतों पर चलने की जरूरत है। नेताजी ने जिस पार्टी की स्थापना की थी, उसके प्रतीक साइकिल को वोट दें। उन्होंने मैनपुरी से राजनीति में अपने संघर्ष की शुरुआत की, ”
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मैनपुरी में एक रैली में डिंपल यादव को "बेचारी" करार दिया और कहा कि उन्हें केवल चुनाव हारने के लिए सपा के लिए लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा था। इस पर अखिलेश यादव ने टिप्पणी करते हुए सीएम पर अभद्र भाषा प्रयोग करने का आरोप लगाया।