धनंजय की बीवी श्रीकला का टिकट कटने से कृपाशंकर को आराम, श्याम यादव के आने से बाबू सिंह कुशवाहा परेशान
जौनपुर लोकसभा सीट पर इस बार दिलचस्प और त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा था लेकिन सोमवार को अचानक से धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला का टिकट कट जाने से समीकरण बदले-बदले से नज़र आने लगे हैं।
Lok Sabha Election 2024: यूपी की जौनपुर लोकसभा सीट पर इस बार दिलचस्प और त्रिकोणीय मुकाबला दिख रहा था लेकिन सोमवार को अचानक से बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला का टिकट कट जाने से समीकरण बदले-बदले से नज़र आने लगे हैं। बसपा ने श्रीकला की जगह मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को इस सीट से उतारा है। श्याम सिंह यादव को एक ज्योतिषी की भविष्यवाणी के आधार पर अपनी जीत का भरोसा है लेकिन राजनीति गलियारों में इसका आंकलन लगाया जाने लगा है कि ताजा घटनाक्रम का फायदा और नुकसान किसे होने वाला है। जानकारों का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह को थोड़ा आराम मिला है तो बाबू सिंह कुशवाहा खेमे में परेशानी दिख रही है।
श्याम सिंह कुशवाहा ने 2019 का लोकसभा चुनाव बसपा से गठबंधन कर लड़ा था। जाहिर है उस चुनाव में उन्हें बसपा के आधार वोट बैंक के साथ ही समाजवादी पार्टी के वोटरों का भी सहयोग मिला था। उनके एक बार फिर मैदान में होने से अभी तक चल रहे समीकरणों में कुछ फेरबदल हो सकता है। जानकारों का कहना है कि अपने आधार वोट बैंक में श्याम सिंह यादव की सेंधमारी रोकने के लिए अब सपा उम्मीदवार बाबू सिंह कुशवाहा को अधिक मेहनत करनी होगी। वहीं भाजपा के कृपाशंकर सिंह के लिए धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह रेड्डी के चुनाव मैदान से हटने के बाद अपने वोट बैंक को सहेजे रखना पहले से आसान लगने लगा है।
कौन हैं कृपाशंकर सिंह
लम्बे समय तक महाराष्ट्र की राजनीति में छाए रहे कृपाशंकर सिंह ने चार दशक तक कांग्रेस में रहकर सियासत की है। वह मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं। महाराष्ट्र में वह एमएलसी, एमएलए और राज्य सरकार में मंत्री होने के अलावा मुंबई प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। 2019 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। वह 2021 में भाजपा में शामिल हुए थे। अब पार्टी ने उन्हें जौनपुर से मैदान में उतारा है।
जौनपुर में सपा ने उनके खिलाफ यूपी के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है। बाबू सिंह कुशवाहा मूलत: बांदा जिले के पखरौली गांव निवासी हैं। 59 वर्षीय कुशवाहा ग्रेजुएट हैं। वह जन अधिकार पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष हैं। 1988 के दौर में बसपा के संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आए और 90 का दशक शुरू होते ही बसपा कार्यालय के प्रभारी बन गए। धीरे धीरे बाबू सिंह मायावती के विश्वासपात्र बन गए। 2003 में मायावती ने पंचायतीराज मंत्री बनाया। 2007 में जब बसपा पूर्ण बहुमत से सत्ता में आयी तब बाबू सिंह कुशवाहा के पास कई विभाग के मंत्रालय थे। बीच में कुछ मामलों को लेकर पार्टी से निकाल दिए गए। अब सपा से जुड़कर राजनिति कर रहे हैं।
बसपा ने श्रीकला सिंह रेड्डी के बाद अब इस सीट से श्याम सिंह यादव को उतारा है। श्याम सिंह यादव जौनपुर के मौजूदा सांसद हैं। उन्होंने पिछला चुनाव सपा-बसपा गठबंधन से लड़ा था।
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