जौनपुर के मैदान से पूरी तरह बाहर हो गईं धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला, पहले टिकट कटा, अब पर्चा खारिज
धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह का पर्चा टिकट कटने के बाद निरस्त हो गया। इनके साथ ही जौनपुर और मछलीशहर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले कुल 39 उम्मीदवारों में से 13 के पर्चे खारिज हो गए।
Nomination of Dhananjay Singh's wife Shrikala rejected: लोकसभा चुनाव 2024 के छठें चरण में 25 मई को होने वाले मतदान के लिए हुए नामांकन पत्रों की मंगलवार को जांच की गई। इसमें जौनपुर से बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी और बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी रहीं श्रीकला सिंह का पर्चा टिकट कटने के बाद निरस्त हो गया। इनके साथ ही जौनपुर और मछलीशहर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने वाले कुल 39 उम्मीदवारों में से 13 के पर्चे खारिज हो गए। अब मैदान में कुल 26 उम्मीदवार बचे हैं। हालांकि गुरुवार को नामांकन वापसी होनी बाकी है।
29 अप्रैल से शुरू हुई नामांकन प्रक्रिया में छह मई तक जौनपुर से कुल 26 उम्मीदवारों ने 40 सेट में नामांकन पत्र दाखिल किया था। मंगलवार को सामान्य प्रेक्षक सीबी बलात तथा के लीलावती की उपस्थिति में नामांकन पत्रों की जांच की गई। इस दौरान 12 उम्मीदवारों के पर्चे निरस्त हुए और 14 के पर्चे वैध पाए गए। इसी तरह मछलीशहर सीट से हुए 13 नामांकन पत्रों में से एक का पर्चा खारिज हुआ और 12 के पर्चे वैध मिले। निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, जिने पर्चे वैध मिले हैं उन्हें गुरुवार को नामांकन वापस लेने का मौका मिलेगा।
इनके पर्चे हुए निरस्त
जौनपुर से जिनके पर्चे निरस्त हुए उनमें निर्दलीय उम्मीदवार चंद्रमणि पांडेय, अश्वनी कुमार, अमित, श्यामलाल, संजीव कुमार प्रजापति, मो. नौशाद, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) के बदरे आलम , समाज परिवर्तन पार्टी के नीलम कुमार, बसपा की श्रीकला सिंह, छत्रपति शिवाजी भारतीय गरीब पार्टी के सोनू सिंह, समाजवादी पार्टी की शिवकन्या कुशवाहा, गांधियन पीपुल्स पार्टी के यशवंत कुमार गुप्ता शामिल हैं। मछलीशहर लोकसभा सीट से जनता कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मनोज कुमार का नामांकच निरस्त हो गया।
पर्चा निरस्त होने पर रोने लगा निर्दल प्रत्याशी
जौनपुर लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने वाले अमित कुमार सिंह का पर्चा निरस्त हुआ तो वह कलक्ट्रेट परिसर में ही रोने लगे। रोते हुए उन्होने कहा कि जो जरूरत पड़ी मैने सबकुछ दिया, लेकिन चलानी जमा न होने के कारण पर्चा खारिज हो गया। उन्होने एक वकील पर भी आरोप लगाया कि उन्हीं की लापरवाही से ऐसा हुआ।