Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Dhananjay Singh came forward and revealed the secret of wife Candidacy from jaunpur lok sabha Did she get her ticket cut or did BSP cut it why did Srikala not contest as an independent candidate

टिकट खुद कटवाया या बसपा ने काटा, निर्दलीय क्यों नहीं लड़ीं श्रीकला? धनंजय सिंह ने सामने आकर खोला राज

जौनपुर से बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अंततः पत्नी के टिकट कटने या टिकट वापस करने को लेकर चुप्पी तोड़ दी है। टिकट वापस करने को धनंजय सिंह के किसी के दबाव में आने की बातें हो रही हैं।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, जौनपुरMon, 6 May 2024 08:03 PM
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जौनपुर से बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अंततः पत्नी के टिकट कटने या टिकट वापस करने को लेकर चुप्पी तोड़ दी है। बसपा की तरफ से आए एक बयान के बाद से धनंजय सिंह के डर जाने और घुटने टेक देने की बातें हर तरफ हो रही थीं। यह भी सवाल हो रहा है कि बसपा ने टिकट काट दिया तो श्रीकला ने निर्दल क्यों नहीं पर्चा भर दिया। हर सवाल का जवाब धनंजय सिंह ने सामने आकर दिया है। उनका ज्यादा गुस्सा बसपा के जोनल कोर्डिनेटर घनश्याम खरवार पर है। खरवार ने ही मीडिया को बताया कि धनंजय सिंह ने रविवार की रात खुद पत्नी के चुनाव मैदान से हटने की बात कही। इसके बाद बसपा ने श्याम सिंह यादव को टिकट देने का फैसला किया।  

धनंजय सिंह ने कहा कि मैं भी सुन रहा था कि दबाव में आ गया हूं और बहुत सारी बातें चल रही हैं। बसपा मुझे बहुत कायदे से जानती है। जब बसपा की सरकार थी तब भी एक साल जेल रखा गया था। तब भी मेरे ऊपर दस बारह मुकदमे लादे गए थे। उस समय मेरी माता जी का निधन भी हुआ था। इसके बाद भी मैंने कोई समझौता नहीं किया था। धनंजय ने कहा कि मेरे साथ ऐसा पहले भी तीन बार हो चुका है। ऐसा नहीं है कि मेरे साथ गलत हुआ है। पत्नी के साथ पहली घटना है और वह आहत भी हैं।

बसपा के जोनल कोर्डिनेटर पर बरसते हुए कहा कि खरवार जी नए नए आए हैं उन्हें जानकारी नहीं है। वह जिस तरह की भाषा बोल रहे हैं वह ठीक नहीं है। अपनी पार्टी का बचाव करना चाहिए, उसके बहुत से तरीके हैं। लेकिन दूसरे को इस तरह से अपमानित नहीं करना चाहिए। 2007 से 2012 तक बसपा की सरकार रही। सरकार से वैचारिक मतभेद हुए उस समय भी मुकदमे लादे गए। 2012 के चुनाव से ठीक पहले मुझे जेल में बंद किया गया। उसके बाद भी यह कह दिया गया कि धनंजय सिंह ने माफी मांग ली है। तब भी मैंने कहा था कि न गलती की है न माफी मांगी है। हमारी भारतीय परंपरा है। अगर किसी से शरीर भी टच होता है तो सॉरी कह देते हैं। लेकिन जब तक गलती नहीं होती तब तक कैसी माफी मांगेंगे। 

धनंजय ने कहा कि लोकतंत्र कोई जुमला नहीं है। 2011 में मुझे जौनपुर आने से रोका गया था। धारा 144 लगाई गई थी, मैं तब भी नहीं डरा था। उपचुनाव में भी मैं लड़ा था, कितने लोग तब लड़े थे। इस तरह की फर्जी बातें न बोली जाएं। कहा कि बसपा ने कई जगह टिकट काटे हैं, एक-एक दिन में दो-दो दिन में टिकट काटा है। हो सकता है कि इनकी कार्यशैली हो। खरवार को सलाह देते हुए कहा कि आपको अपना काम करना चाहिए लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए।

श्रीकला निर्दल क्यों नहीं उतर गईं
पत्नी के निर्दल भी चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर कहा कि अगर पहले से इस बारे में कुछ पता होता तो निर्दल भी पर्चा भरा जाता। निर्दल के लिए दस प्रस्तावक चाहिए होता है, नहीं तो पर्चा खारिज हो जाता है। अगर में होता तो एक निर्दल भी पर्चा भरकर रखता। वैसे मैं उतरता तो निर्दल ही रहता, मुझे कहीं नहीं जाना पड़ता।

जिसे चाहेंगे वही सांसद बनकर जाएगा
लोकसभा के इस चुनाव में अब अगली रणनीति पर धनंजय सिंह ने कहा कि अभी लोगों के साथ बैठक करेंगे। सभी पुराने साथियो के साथ चर्चा होगी। ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। कहा कि यह भी तय है कि जिसे हम लोग चाहेंगे वही यहां से सांसद बनकर जाएगा। जौनपुर की दोनों लोकसभा सीटों में हम लोगों के साथ बैठेंगे। जनपद में कम से कम दो-ढाई, चार लाख लोग अपने हैं। जहां हम चाहेंगे वहां वोट करेंगे। यह भी कह दिया कि धनंजय सिंह की वजह से आज जौनपुर में बसपा चर्चा में है, बसपा की वजह से धनंजय चर्चा में नहीं हैं। 

पत्नी को टिकट को लेकर मायावती से बातचीत के सवाल पर कहा कि मेरी कोई बातचीत नहीं हुई है। पत्नी को उन लोगों ने अप्रोच किया और टिकट दिया था। मैं तो जेल में था। अब मेरा नाम लगाया जा रहा है। मेरी बहन जी की बात हुए एक दशक से भी पुरानी बात हो गई है। 

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